डीएल के लिए आरटीओ की साइट पर 339 से अधिक डॉक्टर्स हुए इंपैनल्ड, अब तक 5569 फिटनेस का मेडिकल सर्टिफिकेट जारी

रायपुर। राजधानी में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब डॉक्टरों के द्वारा भेजे गए ऑनलाइन मेडिकल प्रमाणपत्र ही मान्य होंगे। परिवहन विभाग की मानें तो अब ऑफलाइन जमा किए जाने वाले प्रमाणपत्र पर रोक लगा दिया गया है।

लोगों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग की साइट से प्रदेश के 339 से अधिक डॉक्टर इंपैनेल्ड हो चुके हैं। जो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लोगों को जारी कर रहे हैं। अबतक 5569 लोगों को फिटनेस का मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं।

अधिकृत डॉक्टर द्वारा ऑनलाइन जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्रों के आधार पर ही अब लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा रहा है। ऑनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट जारी होने से आवेदक और चिकित्सक दोनों को ही सुविधा हो रहे है। यह परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को पारदर्शी और पेपरलेस बनाने की दिशा में पहला कदम है। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार के पेपरवर्क की आवश्यकता भी नहीं रहेगी और मेडिकल प्रमाण पत्र संबंधी होने वाले शिकायतों पर भी लगाम लगेगी।

40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य

40 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति को कर्मशियल और सामान्य लाइसेंस बनवाने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य है। आवेदन के साथ फॉर्म 1ए में मेडिकल प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। इस समय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए डॉक्टर के पास फॉर्म 1ए का प्रारूप ले कर जाना पड़ता था।

इसके चलते कई बार परिवहन कार्यालय में फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र जमा करने की शिकायतें भी प्राप्त होती थी। इसके बाद परिवहन विभाग द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, हॉस्पिटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा कर ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण किया गया है।

निशुल्क पासवर्ड मिलेगा

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र ऑनलाइन देने के लिए कोई भी डॉक्टर इस कार्य को करना चाहते हैं तो वह परिवहन विभाग से आईडी और पासवर्ड ले सकते हैं। सारथी पोर्टल से आईडी और पासवर्ड लेने के बाद डॉक्टर्स राज्य में कहीं भी ऑनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकते है।

यह है प्रक्रिया

लाइसेंस बनवाने वाले आवेदक को फॉर्म भरने के बाद डॉक्टर पास जाकर अपना आवेदन नंबर बताना होता है। डॉक्टर द्वारा आवेदन नंबर को सारथी पोर्टल में डालते ही आवेदक के मोबाइल में एक ओटीपी आता है। ओटीपी की जानकारी डॉक्टर को देनी होती है। इसके बाद फोटो सहित आपकी पूरी जानकारी डॉक्टर को मिल जाती है। यदी यह मैच होता है तो आपको मेडिकल प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी कर दिया जाता है।

बताते चलें कि परिवहन विभाग को आवेदनकर्ताओं और एजेंट द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़ें की लगातार शिकायतें मिल रही थी। नकली सील और हस्ताक्षर कर दस्तावेज जमा किए जा रहे थे। इसे देखते हुए ही ऑफलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने पर रोक लगाई गई है।

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