कोरोना का टीका

रायपुर। देश में कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इसी बीच प्रदेश में पहली बार सरकार अगले हफ्ते से नवजात बच्चों को पीसीवी यानी न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीनेशन नि:शुल्क लगाने जा रही है।

दरअसल, न्यूमोकोकल बीमारी जिसे न्यूमोकोकस भी कहा जाता है, उसका संक्रमण भी नवजात बच्चों में सांस के रास्ते ही फैलता है। इसका एक डोज करीब 4 हजार रुपए का होता है।

ये टीका डेढ़ माह के बच्चों को लगाया जाएगा। दरअसल, इस वैक्सीन का पहला डोज डेढ़ माह यानी 6 हफ्ते के नवजात शिशुओं को लगाया जाता है। इसके 14 हफ्ते बाद दूसरा डोज और 9 महीने के बाद तीसरा डोज लगाया जाता है। न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन प्रदेश के सभी 28 जिलों में लगाई जाएगी।

तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सरकार इसे बच्चों के नियमित टीकाकरण में शामिल कर रही है। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमरसिंह ठाकुर के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव नवजात बच्चों में अक्सर पोस्ट कोविड बीमारियों जैसे निमोनिया आदि के लक्षण रहते हैं। ऐसे में यह टीका बच्चों को निमोनिया के गंभीर खतरों से बचाएगा। राज्य में करीब 40 हजार बच्चों से इसके टीकाकरण की शुरूआत की जा रही है।

2010 में इतने बच्चो की न्यूमोकोकस निमोनिया से हुई मौत

न्यूमोकोकस निमोनिया की वजह से देश में 2010 में 1.05 लाख और 2015 में 53 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों में ये संक्रमण अधिक देखा जाता है।

न्यूमोकोकल निमोनिया और कोरोना के लक्षण एक जैसे

न्यूमोकोकल निमोनिया सांस के रास्ते से होने वाला एक संक्रमण है। इससे फेफड़े में सूजन आती है, पानी भी भरने लगता है। इससे नवजात शिशुओं में सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। ऐसे में ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में खांसी, पसलियों का चलना, सांस लेने में दिक्कत या सांस का तेज चलना भी हो सकता है। यह सारे लक्षण आमतौर से कोरोना संक्रमण में भी नजर आते हैं। इस निमोनिया का गंभीर संक्रमण जानलेवा माना जाता है।

टीका लगने से जानलेवा नहीं रहेगी बीमारी

पीसीवी वैक्सीन बच्चों को न्यूमोकोकल निमोनिया की वजह से होने वाली मौत से बचाव करेगा। दो साल तक के बच्चों में इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। लेकिन सबसे अधिक खतरा एक साल से कम उम्र के बच्चों में होता है। इसलिए टीकाकरण में नवजात बच्चों की इस उम्र पर खास फोकस किया गया है। न्यूमोकोकल निमोनिया फैलने वाला संक्रमण भी है, इसलिए इसके टीकाकरण से बीमारी के फैलाव को भी रोका जा सकेगा। ये बीमारी भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने या छींकने की वजह से फैलती है।

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