मौत
कोरोना में एक साल की सैलरी दान करने वाले आरक्षक की रहस्यमय ढंग से मौत

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर थाना क्षेत्र के सुनसान इलाके पर बीती रात कांस्टेबल पुष्पराज सिंह का शव लकड़ी से बंधे तारों के साथ लिपटा हुआ मिला है। इस घटना के बाद हड़कंप मच गया है। मामले में मृतक कॉन्स्टेबल के परिजनों ने पुष्पराज की मौत को हत्या बताकर उसकी जांच उच्च अधिकारियों से कराने की मांग की है।

बता दें कि पुष्पराज सिंह वही कॉन्स्टेबल हैं जिन्होंने कोरोना काल में अपनी एक साल की सैलरी दान करके मिसाल पेश की थी। कांस्टेबल की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई है। पुलिस इसे एक हादसा बताकर मामले की जांच कर रही है।

तारों से लिपटा मिला शव

जानकारी के मुताबिक, घटना बुधवार के रात 12 से 1 बजे के बीच की बतायी जा रही है। जांजगीर थाना क्षेत्र के सुनसान इलाके पर पुष्पराज सिंह की लाश तारों से लिपटी हुई पायी गई है। शव के पास उसकी स्कूटी भी पड़ी मिली है। इधर इस घटना की जानकारी के बाद कांस्टेबल के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं मृतक कांस्टेबल के परिजनोें ने इस पूरे मामले को हत्या से जोड़कर इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे है।

मृतक को आते थे धमकी भरे फोन

दरअसल परिजनों का कहना हैं कि पुष्पराज पीड़ित पुलिसकर्मियों की आवाज सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार उठा रहा था। इसी वजह से उसे कई बार धमकी भरे फोन भी आते थे। साथ ही उसे धमकी भी दी जाती थी। परिजनों को आशंका हैं कि इसी वजह से उसकी हत्या की गयी होगी। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले को एक हादसा बताकर इसकी जांच की बात कर रही है।

बता दें कि आरक्षक ने मौत से एक दिन पहले ही अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उसने खुद को मिल रही धमकी का भी उल्लेख किया था। हालांकि अब उसके फेसबुक पेज से उसका पिछला वाला पोस्ट नहीं दिखा रहा है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने क बाद ही पता चल पायेगा कि, किन परिस्थितियों में पुष्पराज सिंह की मौत हुई थी।

जानिए पुष्पराज सिंह के बारे में

ज्ञात हो कि मृतक पुष्पराज सिंह अबतक तीन बार बर्खास्त होने के बाद भी ज्वाॅइनिंग ले कर ड्यूटी कर रहा था। मृतक कांस्टेबल पर पुलिस आंदोलन को हवा देने का भी आरोप लगा था। पुष्पराज सिंह अभी थाना सक्ती में बतौर कांस्टेबल पदस्थ था। पुलिस आंदोलन के दौरान पुष्पराज बेहद सक्रिय भी था। लिहाजा उसके खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई भी की गयी थी। 2020 में ही पुष्पराज का सस्पेंशन खत्म किया गया था और उसे सक्ती थाने में पदस्थ किया गया था।

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