बिग ब्रेकिंंग: OTT प्लैटफॉर्म की आड़ में न्यूज वेब पोर्टल, सोशल मीडिया पर नकेल की तैयारी
बिग ब्रेकिंंग: OTT प्लैटफॉर्म की आड़ में न्यूज वेब पोर्टल, सोशल मीडिया पर नकेल की तैयारी

नई दिल्ली। भारत सरकार के सूचना तकनीकी को लेकर नए नियमों को अधिसूचित करने पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सवाल उठाए हैं।

बता दें कि भारत सरकार ने 25 फरवरी को सूचना तकनीकी को लेकर नए नियमों को अधिसूचित किया है। इसका नाम The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021, है। इन नियमों को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इससे इंटरनेट पर चलने वाले न्यूज वेब पोर्टल और स्वतंत्र पत्रकारों के लिए खतरा हो जाएगा, साथ ही डिजिटल जगत में मीडिया की आज़ादी पहले से कम हो जाएगी।

बता दें कि सरकार ने डिजिटल प्लेफार्म के लिए नियम बनाते समय न्यूज़ चैनलों की नियामक संस्था NBA और प्रिंट मीडिया की नियामक संस्था भारतीय प्रेस परिषद का हवाला दिया है। लेकिन नए नियम के तहत इंटरनेट पर मौजूद Over The top OTT प्लेटफार्म को भी नियमों का पालन करना होगा।

नए नियमों के अनुसार अब कटेंट का कई तरह से वर्गीकऱण किया गया है। वहीं विवादों के निपटारे के लिए तीन चरणों की व्यवस्था बनाने की बात कही गई है।

बता दें कि यह नियम केवल नेटफ्लिक्स, एमेज़ान प्राइम जैसे OTT प्लेटफार्म पर लागू नहीं होते बल्कि न्यूज़ वेब पोर्टल पर भी लागू होंगे। इन्हें बताना होगा कि कोई सामग्री कहां से प्रकाशित हुई है, किसने प्रकाशित की है. इन सभी को शिकायतों के निपटारे के लिए एक नियामक संस्था बनानी होगी, जिसके प्रमुख रिटायर्ड जज होंगे।

नए आईटी नियमों को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी चिंता जताई है। गिल्ड ने अपने बयान में कहा है कि ‘सूचना प्रोद्योगिकी एक्ट के तहत जो नियम बनाए गए हैं इससे इंटरनेट पर काम करने वाले प्रकाशकों के काम में बुनियादी बदलाव आ जाएगा।

इससे भारत में मीडिया की स्वतंत्रता को गहरा धक्का लगेगा। इन नियमों से केंद्र सरकार को शक्ति मिलती है कि वह देश भर में कहीं भी प्रकाशित किसी समाचार को ब्लाक कर दे, डिलिट कर दे या उसमें बदलाव कर दे वह भी बिना किसी न्यायिक हस्तक्षेप के।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…