रायपुर। विवादों में रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजेंद्र कटरे पर इन दिनों छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग मेहरबान है। इसीलिए तो सारी शिकायतों और सुबूतों, जांच रिपोर्ट्स को दरकिनार करते हुए उसे दोबारा संविदा पर नियुक्त किया गया।

ये नियुक्ति स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक के इशारे पर की गई। तमाम नियम कायदे का गला घोंटकर अधिकारी उसका पुराना वेतनमान यानि 1.36 लाख रुपए भी देने की फिराक में थे, मगर संचालक स्वास्थ्य शिखा राजपूत ने संविदा नियमों का पालन करते हुए उसे 50 हजार के मासिक वेतन का आॅफर दिया।

जो कि वित्त विभाग ने निर्धारित किया है। इस पर विजेंद्र कटरे ने जॉब करने से मना कर दिया। इस पर स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने स्वास्थ्य संचलाक शिखा राजपूत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

कटरे पर आखिर क्यों मेहरबान है स्वास्थ्य विभाग:

स्वास्थ्य विभाग के जानकार सूत्रों का कहना है कि आने वाले 3 महीनों के अंदर 3 बीमा कंपनियों के साथ स्वास्थ्य विभाग का टाइअप होना है। विजेंद्र कटरे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। यही कारण है कि इनको दोबारा उपकृत किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग पहले भी रहा सुर्खियों में :

छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग पहले भी अखबारों एवं सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहा है। एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकारी खर्चे को कम करने की बात कर रहे हैं। तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक फाइव स्टार होटल में की गई।

दो दिन चली इस बैठक में जमकर पैसे उड़ाए गए। जब कि तमाम अच्छे सरकारी भवन खाली पड़े हुए थे, अगर उनका उपयोग किया जाता, तो ये पैसे बचाए जा सकते थे।

कटरे की संविदा नियुक्ति रहीं विवादों में :

विजेंद्र कटरे की तमाम सारी शिकायतें मयसुबूत जा चुकी हैं, एवं उनकी विभागी जांच में भी हो चुकी है, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया। इसके बावजूद भी कार्रवाई होनी तो दूर उसे दोबारा उपकृत किया गया।

वर्जन-
मुझे इस मामले में कुछ याद नहीं है। मैं दो दिनों से अवकाश पर थी, आॅफिस जाऊंगी तो फाइल देखकर ही कुछ बता सकती हूं।

निहारिका बारिक
सचिव, स्वास्थ्य विभाग
छत्तीसगढ़ शासन।

 

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