अब बस्तर में ग्वालों ने सड़क पर बहाया दूध, बाँटने का समय काम दिए जाने का लगाया आरोप, देखिये वीडियो

टीआरपी डेस्क। गरियाबंद के बाद अब बस्तर में लॉकडाउन के बीच सड़क पर दूध बहाये जाने नजारा देखने को मिला। यहाँ निर्धारित समय के बाद दूध बाँट रहे लोगों का वाहन जब्त कर लिया गया। नाराज दूध उत्पादकों ने बची हुई दूध सड़क पर ही बहा दी। इनका कहना है कि प्रशासन ने लॉक डाउन के दौरान सुबह दूध बाँटने के लिए जो समय दिया है वह पर्याप्त नहीं है, और इस दौरान वे पूरा दूध नहीं बाँट पाते।

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दो घंटे का समय नहीं है पर्याप्त

बस्तर में लॉक डाउन के चलते कुछ एसेंसियल सर्विस को अनुमति दी गई है इसमें दूध विक्रेताओं के लिए सुबह 6 बजे से 8 बजे तक समय निर्धारित है, मगर दूध का उत्पादन ज्यादा और बांटे जाने का समय कम है, लिहाजा दूध प्रतिदिन बच रहा है. विक्रताओं ने दूध बेचे जाने का समय बढ़ाने की भी मांग की, मगर बढ़ते कोरोना मामलों को देख प्रशासन ने समय नहीं बढ़ाया, यहीं वजह है कि उत्पादक अब दूध सड़क पर बहाने को मजबूर है.

कलेक्टर से नहीं हो सकी मुलाकात

दुग्ध विक्रेताओं के अनुसार सुबह 8 बजे तक दूध निकाल वे शहर पहुंचते है तब तक समय पूरा हो चुका होता है. प्रशासन को कम से कम 10:30 बजे तक समय बढ़ाना चाहिए। आज देर से शहर पहुँचने पर लॉक डाउन की व्यवस्था में लगे बल ने दूधवालों को पकड़ लिया और इनकी गाड़ियां जब्त करके इन्हें भगा दिया। इससे नाराज दूधवालों ने अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर से मिलने का प्रयास किया मगर मुलाकात नहीं हो सकी। जिसके बाद गुस्साए लोगों ने सड़क पर ही दूध बहा दिया।

सक्रिय हो गये निगम के अधिकारी

दुग्ध उत्पादकों द्वारा सड़क पर दूध बहाये जाने की सूचना मिलते ही निगम के अधिकारी हरकत में आ गए और टैंकर बुलवाकर सड़क पर पर बहाये गए दूध को पानी से धुलवाया। बता दें कि कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुये जिला प्रशासन ने 15 से 26 अप्रैल तक सम्पूर्ण बस्तर में लॉक डाउन लगा दिया है और जरुरी सेवाओं को छोड़ साग, सब्जी, दूध विक्रताओं के लिये समय निर्धारित किया है. समय कम मिलने के चलते किसानों को इससे ख़ासा नुकसान तो हो रहा लेकिन प्रशासन को लोगों की चिंता भी है और वह इसे जरूरी मानते हुए सख्ती भी बरत रहा है.

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