टीआरपी डेस्क। पर्ची से मतदान फिर ईवीएम और अब रिमोट वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग का निर्णय इन दिनों चर्चा में है।
दरअसल मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आईआईटी मद्रास समेत अन्य प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ बात कर दूरस्थ मतदान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की कवायद की जा रही है।

आइए जानते हैं क्या है रिमोट वोटिंग

मुख्य चुनाव आयुक्त का कहना है कि, यदि कोई मतदाता किसी कारणवश पोलिंग बूथ पर मतदान करने नहीं जा पा रहा है तो वो, रिमोट वोटिंग के जरिए अपने मत का प्रयोग कर सकता है। हालांकि इस दौरान उन्होंने ये कहा कि इंटरनेट आधारित वोटिंग की सुविधा देना इस प्रोजेक्ट का मकसद नहीं है।

उन्होंने बताया कि बीते कुछ समय से तकनीकी विशेषज्ञों की टीम इस परियोजना पर लगी हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी। और अगर यह सफल होती है तो लोग घरों से भी इंटरनेट के जरिए मतदान कर सकते हैं।

अगले दो तीन महीनों में किया जा सकता है डेमो परीक्षण

मुख्य चुनाव आयुक्त की माने तो इस परियोजना का डेमो परीक्षण आने वाले दो तीन महीनों में किया जा सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। ऐसे में आयोग जल्द ही अलग-अलग विकल्पों पर विचार करने के बाद रिमोट वोटिंग के मॉडल को अंतिम रूप दिया जाएगा।

हालांकि आयोग ने यह भी कहा है कि इसके लिए राजनैतिक दलों से भी पूरी तरह राय मशवरा करने के बाद ही इसे अमली जामा पहनाएगा।

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