धान की अफरातफरी प्रदेश में अब भी जारी है, किसानों के दस्तावेज के सहारे बाहर का धान बेच रहे हैं बिचौलिए, छापेमारी में गड़बड़ी हुई उजागर
धान की अफरातफरी प्रदेश में अब भी जारी है, किसानों के दस्तावेज के सहारे बाहर का धान बेच रहे हैं बिचौलिए, छापेमारी में गड़बड़ी हुई उजागर

मुंगेली। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी बदस्तूर जारी है। आये दिन ऐसी गड़बड़ियां खबरों में आ रही हैं। आलम यह है कि बिचौलिए बाहर से लाया गया धान किसानों का बताकर अब भी बेच रहे हैं, ऐसे ही एक धान खरीदी केंद्र में गड़बड़ी उजागर होने के बाद SDM ने छापा मारा और धान की जब्ती भी की।

किसानों की शिकायत पर हुई जांच

मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र के वनांचल इलाके खुड़िया में स्थित धान खरीदी केंद्र के खरीदी प्रभारी जलेश्वर कुलमित्र और बारदाना प्रभारी भूषण जायसवाल के ऊपर किसानों ने अवैध उगाही का आरोप लगाया था। साथ ही 27 दिसंबर के दिन वनांचल के किसानों के नाम से फर्जी तरीके से धान बेचने की भी शिकायत किसानों के द्वारा की गई थी, जिसके बाद लोरमी एसडीएम मेनका प्रधान और नायब तहसीलदार की टीम जांच करने पहुंची। यहां राजस्व की टीम के द्वारा लगातार दो दिनों तक केंद्र से धान खरीदी से संबंधित दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज की गहन छानबीन की गई। SDM मेनका प्रधान ने बताया कि जांच में अनेक गड़बड़ियां उजागर हुई हैं।

किसानों के नाम से फर्जी तरीके से बेचा गया धान

जांच अधिकारियों ने पाया कि 27 दिसंबर को फर्जी तरीके से करीब 10 से 12 किसानों के नाम से धान बेचा गया है, जिसका रिकॉर्ड में कहीं कोई जिक्र नहीं है। जिन किसानों के नाम से धान बेचा गया, उन्हें बुलाकर पूछताछ की गई, तो पता चला कि उनकी जानकारी के बिना धान को बेचा गया है।

दलाल ने रख लिए जमीन के दस्तावेज और बैंक पासबुक

यहां के भोलेभाले बैगा आदिवासी किसानों ने मौके पर शिकायत की कि उरईकछार निवासी अनिल पटेल के द्वारा वनांचल क्षेत्र के कई किसानों को डरा धमका कर उनकी जमीन का दस्तावेज (ऋणपुस्तिका) एवं बैंक पासबुक अपने पास रख लिया गया है, इसके माध्यम से फर्जी तरीके से धान खरीदी केंद्रों में प्रभारियों से मिली भगत कर अवैध धान को बेचा जाता है। किसानों ने इसकी लिखित शिकायत खुड़िया चौकी में भी की है

दलाल के यहां छापेमारी में मिले दस्तावेज

किसानों के बयान के आधार पर एसडीएम और तहसीलदार के द्वारा अनिल पटेल के घर में दबिश दी गई, जहां से 28 किसानों के जमीन के कागजात ऋणपुस्तिका और बैंक पासबुक बरामद किया गया। किसानो की ऋणपुस्तिका के माध्यम से ही अनिल पटेल बाहर से लाये गए धान को खरीदी केंद्र में बेचा करता था।

भ्रष्टाचार का एक और नमूना उजागर

मुंगेली के खुड़िया स्थित धान खरीदी केंद्र में SDM द्वारा की गई छापेमारी के बाद एक अजीबो-गरीब कारनामा एक बार फिर सामने आया। यहां जय बजरंग ट्रेडिंग कंपनी को जिस डी.ओ. में 450 बोरा पतला धान परिवहनकर्ता एवं ट्रक मालिक का नाम राधेलाल जिसका ट्रक क्रमांक CG15 DR9073 दर्ज है, जिसमे ट्रक ड्राइवर भी राधेलाल को बताया गया है। उस ट्रक के नंबर को लेकर तहकीकात की गयी तब पता चला कि वह नंबर ट्रक का नही बल्कि HF DELUXE BIKE का है और वह शिवकुमार, अम्बिकापुर के नाम पर आरटीओ साइट में दर्ज है। इस तरह फर्जीवाड़े का खेल खुड़िया धान खरीदी केंद्र में किया गया है।

इस तरह की जाती है हेराफेरी

बताया जा रहा है कि खुड़िया का इलाका बैगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां राईस मिलर, धान खरीदी केंद्र प्रभारी और बिचौलिए मिलकर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष अरबों का नुकसान पहुचाते हैं। किसानों से बिना धान लिए खरीदी केंद्र में किसानों के नाम पर धान बिक्री की एंट्री कर दी जाती है। इसके बाद खरीदी केंद्र से संबंधित मिलर के नाम पर धान परिवहन के लिए डीओ कट जाता है और मिलर के द्वारा एफसीआई में उक्त धान का कस्टम मिलिंग बताकर चावल भी जमा कर दिया जाता है। इस तरह फर्जी किसान, खरीदी केंद्र प्रभारी, बिचौलिए और मिलर मिलकर बाजार से 1200 से 1400 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदे गए हजारों क्विंटल धान को 2500 रु प्रति क्विंटल में प्रदेश सरकार को बेचकर करोड़ों का चूना लगते हैं।

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