आधे हो सकते हैं पेट्रोल-डीज़ल के दाम?  कॉउन्सिल की बैठक में GST के दायरे में आने पर चर्चा , समझें नफा-नुकसान का सारा गणित

नई दिल्ली। Petrol-Diesel Price जीएसटी कॉउन्सिल की 17 सितंबर, 2021 को लखनऊ में होने वाली अगली बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक- जीएसटी कॉउन्सिल की बैठक में केरल हाई कोर्ट में पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने से जुड़े केरल प्रदेश गांधी दर्शनावेधि, तिरुवनंतपुरम के रिट पीटिशन पर केरल उच्च न्यायालय के आदेश पर चर्चा हो सकती है।

आइए जानते हैं पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से कैसे कम हो सकते हैं दाम…

बता दें कि पेट्रोल और डीजल पर तरह तीन तरह के टैक्स और ड्यूटी लगते हैं,एक्साइज, वैट और सेस। अभी राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी का करीब 41 प्रतिशत हिस्सा मिलता है।

वैट राज्य सरकारों के हिस्से में जाता है। अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने के लिए एक्साइज ड्यूटी और वैट को मर्ज करने में पर कोई प्रस्ताव भविष्य में तैयार होता है तो ये देखना होगा राज्य इस नुकसान की भरपाई कैसे कर सकती है।

आसान भाषा में समझें नफा-नुकसान का सारा गणित

दिल्ली में पेट्रोल पर अभी करीब 55 प्रतिशत टैक्स लगता है, अगर 28 प्रतिशत के जीएसटी के हाई स्लैब में भी इसे शामिल किया जाता है तो टैक्स आधा हो जाएगा। इससे दिल्ली में ताजा कीमतों के हिसाब से पेट्रोल 28 रुपए सस्ता हो जाएगा।

अब सवाल ये है कि क्या राज्य सरकारें इस बड़े नुकसान को बर्दाश्त करने के लिए तैयार होंगी। हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि राज्य सरकारों के सामने अतिरिक्त कर लगाकर इससे होने वाले नुकसान की भरपाई भी एक विकल्प भी मौजूद है। लेकिन, इस पर सहमति बनेगी, इसके आसार मुश्किल नजर आ रहे हैं।

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