नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शिक्षक पर्व  का उद्घाटन किया और इस दौरान उन्होंने कई पहल की शुरुआत की कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 6-7 सालों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई. आप सभी ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो एकनिष्ठ प्रयास किया है, वो अतुलनीय है, सराहनीय है ।

आज शिक्षक पर्व पर अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है ये पहल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी ।

वही इस विषय पर पीएम मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि वह कल सात सितंबर सुबह 10.30 बजे शिक्षक पर्व सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस वर्ष का विषय “गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति” है। शिक्षा क्षेत्र को बदलने के उद्देश्य से प्रमुख पहल की भी शुरूआत होगी।

कार्यक्रम को प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लाइव संबोधन करेंगे, जिसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब पर शिक्षा मंत्रालय के ऑफिशियल पेज/हैंडल से सुबह 10.30 बजे से देखा जा सकेगा।

शिक्षा से जुड़ी पांच अहम योजनाएं

इस दौरान पीएम मोदी ने  शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी पांच अहम योजनाएं लॉन्च कीं. जिनमें निष्ठा टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम, विद्यांजलि पोर्टल, सीबीएसई स्कूल क्वालिटी एश्योरेंस एंड असेसमेंट फ्रेमवर्क, इंडियन साइन लेंग्वेज डिक्शनरी और टॉकिंग बुक्स योजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने ‘इंडियन साइन लैंग्वेज डिक्शनरी’ (श्रवण बाधितों के लिए सार्वभौमिक शिक्षा के तरीके के अनुरूप ऑडियो और टेक्स्ट एम्बेडेड साइन लैंग्वेज वीडियो), टॉकिंग बुक्स (दृष्टिबाधितों के लिए ऑडियो बुक्स), स्कूल क्वालिटी एश्योरेंस एंड असेसमेंट फ्रेमवर्क ऑफ सीबीएसई, एनआईपीयूएन भारत और विद्यांजलि पोर्टल के लिए एनआईएसएचटीएचए शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (स्कूल विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवक / दाता/ सीएसआर योगदानकर्ताओं की सुविधा के लिए) की शुरुआत की।

मोदी ने कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है। पिछले 6-7 वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।

भारत के शिक्षकों में किसी भी ग्लोबल स्टैंडर्ड पर खरा उतरने की क्षमता- PMपीएम ने कहा कि शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में नेशनल डिजिटल एजुकेशनल आर्किटेक्चर यानी, N-DEAR की भी बड़ी भूमिका होने वाली है। जैसे UPI इंटरफेस ने बैंकिंग सेक्टर में क्रांति लाया वैसे ही N-DEAR सभी अकादमी गतिविधियकों के बीच एक सुपर कनेक्ट का काम करेगा।

आप सभी इस बात से परिचित हैं कि किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा न केवल समावेशी होनी चाहिए बल्कि न्यायसंगत भी होनी चाहिए। इसीलिए, आज देश टॉकिंग बुक्स और ऑडियो बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है।

पीएम ने कहा कि तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है।‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए देश अपने टीचर्स को इन्हीं बदलावों के लिए तैयार कर रहा है। भारत के शिक्षकों में किसी भी ग्लोबल स्टैंडर्ड पर खरा उतरने की क्षमता तो है ही, साथ ही उनके पास अपनी विशेष पूंजी भी है। उनकी ये विशेष पूंजी, ये विशेष ताकत है उनके भीतर के भारतीय संस्कार।

शिक्षकों के मूल्यवान योगदान

इस सम्मेलन को ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा। यह सम्मलेन न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने, बल्कि देशभर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नए तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 7 सितंबर से 17 सितंबर तक शिक्षा पर्व का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन के दौरान शिक्षकों के मूल्यवान योगदान का स्मरण किया जाएगा और नई शिक्षा नीति को क्रियान्वयन के अगले स्तर पर ले जाने पर चर्चा होगी।

गुणवत्ता और सतत विद्यालय

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी अपडेट के अनुसार वर्ष 2021 में आयोजित किये जाने पहले पहले शिक्षक पर्व का विषय “गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति” है। बारह दिनों तक पूरे देश में मनाया जाने वाला शिक्षक पर्व न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने, बल्कि देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नवीन तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करेगा।

NEP के कई पहल होंगे लांच

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अपडेट के अनुसार पहले शिक्षक पर्व पर अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत प्रस्तावित कई पहलों को भी लांच करेंगे। इनमें भारतीय सांकेतिक भाषा कोश (ISDL), टॉकिंग बुक्स, सीबीएसई का स्कूल क्वालिटी एश्योरेंस एंड असेसमेंट फ्रेमवर्क और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम निष्ठा 3.0 और विद्यांजलि पोर्टल शामिल हैं।

शिक्षा से जुड़ी पांच अहम योजनाएं

इस दौरान पीएम मोदी ने  शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी पांच अहम योजनाएं लॉन्च कीं. जिनमें निष्ठा टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम, विद्यांजलि पोर्टल, सीबीएसई स्कूल क्वालिटी एश्योरेंस एंड असेसमेंट फ्रेमवर्क, इंडियन साइन लेंग्वेज डिक्शनरी और टॉकिंग बुक्स योजनाएं शामिल हैं

आज़ादी का अमृत महोत्सव

संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षक पर्व के अवसर पर लॉन्च हुईं ये नई योजनाएं बेहद अहम हैं क्योंकि देश अभी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं।आजादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसलिए देश इसके लिए  अभी से नया संकल्प ले रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि NEP के निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक, हर स्तर पर शिक्षाविद, विशेषज्ञ का शिक्षक का सबका योगदान रहा है। आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं ।अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है।