श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में 16 घंटे तक मुठभेड़ चली। इस मुठभेड़ में सरकारी राइफलों के साथ लापता दो विशेष पुलिस अधिकारियों सहित जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादी मारे गये। पुलिस प्रवक्ता ने शुक्रवार को इस मुठभेड़ के संबंध में जानकारी दी। खुफिया सूचना मिलने के बाद घर-घर तलाशी की गई।

पुलवामा के लस्सीपोरा के पंजरान गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली थी। जिसके बाद गुरुवार शाम को राष्ट्रीय राइफल्स, राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने तलाश अभियान शुरू किया। सुरक्षा बलों ने इलाके से बाहर जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया और घर-घर जाकर तलाशी लेने लगे।

जब सुरक्षा बल के जवान एक विशेष घर की ओर बढ़ रहे थे तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में कल रात एक आंतकवादी मारा गया। हालांकि अंधेरे की वजह से अभियान रात में रोक दिया गया। मगर सुबह होते हीे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान फिर से शुरू किया गया। जिसमें तीन और आतंकवादी मारे गये।

चारों आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हैं। उनके शव बरामद कर लिये गये हैं। मारे गये आतंकवादियों की पहचान आशिक अहमद और इमरान अहमद के रूप में की गयी है। दो अन्य की पहचान शबीर अहमद और सलमान खान के तौर पर की गई है और दोनों लापता एसपीओ हैं जो पुलवामा पुलिस लाइन से गुरुवार को अपने राइफलों के साथ लापता हो गये थे।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने उस घर को विस्फोट से उड़ा दिया जहां से आतंकवादी गोलीबारी कर रहे थे। अतिरिक्त सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस कर्मियों को किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए आसपास के इलाके में तैनात किया गया है। इसबीच प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है।