लुधियाना। पंजाब के लुधियाना जिले के सीनियर पुलिस अधिकारी ने कोरोना वायरस से लड़ते हुए दम तोड़ दिया। असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) अनिल कोहली 13 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। शनिवार को हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली। पंजाब में कोरोना से यह 16वीं मौत हुई है। उनका इलाज प्लाज्मा थैरेपी से करने की अनुमति मिली थी। एसीपी की मौत के बाद उनके पूरे परिवार को क्वारैंटाइन किया गया है।

लुधियाना जिले के जनसंपर्क ऑफिस ने जानकारी देते हुए बताया कि लुधियाना के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई। वह यहां एसपीएस हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। सूत्रों के अनुसार एसीपी के संपर्क में आए कुछ लोगों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।

Corona in Punjab: पंजाब: कोरोना वायरस से ...

ऐसा बताया जा रहा है कि संक्रमित एसीपी के ‘प्लाज्मा ट्रीटमेंट’ का अनुमति मिली थी। सरकाद द्वारा कोविड-19 के मरीजों का ‘प्लाज्मा ट्रीटमेंट’ करने के फैसले के बाद लुधियाना के हॉस्पिटल में एसीपी का इस विधि से इलाज किया जाना था। इसके लिए एक डोनर का इंतजाम भी हो गया था लेकिन उससे पहले ही पुलिस अधिकारी ने दम तोड़ दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एसीपी को 8 अप्रैल को तबीतय बिगड़ने पर हॉस्पिटल लाया गया था। 13 अप्रैल को उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। डॉक्टर राजेश बग्गा ने एसीपी के निधन की पुष्टि की। हालांकि एसीपी कहां से कोरोना की चपेट मेंआए, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

क्या है यह प्लाज्मा ट्रीटमेंट, समझिए

हमारा खून चार चीजों से बना होता है। रेड ब्लड सेल, व्हाइट ब्लड सेल, प्लेट्लेट्स और प्लाज्मा। इसमें प्लाज्मा खून का तरल हिस्सा है। इसकी मदद से ही जरूरत पड़ने पर एंटीबॉडी बनती हैं। कोरोना अटैक के बाद शरीर वायरस से लड़ना शुरू करता है।

यह लड़ाई एंटीबॉडी लड़ती है जो प्लाज्मा की मदद से ही बनती हैं। अगर शरीर पर्याप्त एंटी बॉडी बना लेता है तो कोरोना हार जाएगा। मरीज के ठीक होने के बाद भी एंटीबॉडी प्लाज्मा के साथ शरीर में रहती हैं, जिन्हें डोनेट किया जा सकता है।

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