रायपुर। गणेश झांकी के दौरान तेज आवाज में डीजे बजाने से राजधानी में दो बुजुर्गों की मौत हो गई। रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे (Mayor Pramod Dubey) ने इसका खुलासा करते हुए कहा है कि सरकार और नगर निगम को इस मामले में हमेशा दोष दिया जाता है। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि यह हमारी और आपकी भी जिम्मेदारी है।

रोक के बावजूद बेधड़क बजता है डीजे

ज्ञातव्य है, रायपुर (Raipur) के पर्यावरणविद नीतिन सिंघवी वर्सेज राज्य सरकार के केस में बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने तेज आवाज में डीजे (DJ) बजाने पर रोक लगाते हुए कहा था कि इसके लिए सीधे तौर पर जिले के कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। इसके बाद भी राजधानी में इस पर जिला प्रशासन ने रोक लगाने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए। शहर में विसर्जन झांकियां नगर निगम की इजाजत से ही निकलती हैं। ऐसे में डीजे के तेज आवाज के संबंध में निगम और जिला प्रशासन दोनों ही किसी प्रकार की हिदायत नहीं देते।

महापौर ने किया खुलासा

मेयर प्रमोद दुबे (Pramod Dubey) ने मीडिया से बातचीत में खुलासा करते हुए कहा कि डीजे की तेज आवास की वजह से दम तोड़ने वाले बुजुर्गों में से एक बैधनाथ पारा और दूसरा सदर बाजार इलाके के हैं। यह घटना गणेश विसर्जन झांकी के दौरान हुई थी।

सुने क्या कहा महापौर ने

हार्ट अटैक से दो बुजुर्गों की मौत

विसर्जन वाली रात में जय स्तंभ से महादेव घाट जाने वाली झांकियों के साथ तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे थे। डीजे की तेज आवाज दोनों बुजुर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाये और हार्ट अटैक से दोनों की मौत हो गई। इस घटना ने महापौर को हिला दिया। उन्होंने कहा कि जब विसर्जन होता है तो सैकड़ों झांकियां निकलती हैं। रात के नौ बजे से सुबह नौ बजे तक लगातार झांकी के साथ डीजे बजता है।

हम सबकी दवाबदारी

कई बुजुर्गों को तेज आवाज से बचने के लिए डॉक्टर भी आगाह करते हैं। महापौर ने कहा कि हरबार ये स्थिति निर्मित होती है। शारदा चौक से मालवीय रोड़, सदर से होते निकलती झांकियों के डीजे की आवाज से बुजुगों की तबियत खराब हो जाती है। ये कहीं न कहीं अपकी हमारी भी ये जिम्मेदारी भी है कि हमे दूसरे बुजुर्गों  या अन्य लोगों का ख्याल रख कम आवाज में डीजे बजाएं। तेज आवाज में डीजे बजना हमारी मजबूरी है। हमारा हाल ऐसा था कि अपने आंखों से ही अपना जलता हुआ घर देख रहे थे। महापौर का इस तरह का बयान एक सोचनीय विषय बन गया है।

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