बच्चों को गर्मी की छुट्टियो में व्यस्त रखने तैयार किया गया "आमाराईट" खेल खेल में सामान्य ज्ञान बढ़ाने का रायपुर DEO का अनूठा प्रयास
बच्चों को गर्मी की छुट्टियो में व्यस्त रखने तैयार किया गया "आमाराईट" खेल खेल में सामान्य ज्ञान बढ़ाने का रायपुर DEO का अनूठा प्रयास

रायपुर। कोरोना काल के चलते बीते एक साल से स्कूलों में बच्चों की पढाई बंद है। राज्य में शिक्षा विभाग ने कक्षा 12 वीं को छोड़कर सभी कक्षा के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दे दिया है। वर्तमान में गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं, और ऐसे में बच्चे कैसे व्यस्त रहें और अपना सामान्य ज्ञान किस तरह बढ़ाएं, इसके लिए रायपुर जिले के शिक्षा अधिकारी ने एक अनूठी पहल की है, जिसे नाम दिया गया है “आमाराईट” . इस प्रोजेक्ट को मिल रही सफलता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने पूरे राज्य में लागू कर  दिया है।

बचपन में खेले जाने वाले सामान्य खेलों में “आमाराईट” की याद आपको भी होगी, जिसमे चाक से जमीन  पर अलग अलग चौकोर खाने बनाकर बिना देखे उस पर चलना होता था।  बच्चों के इस पसंदीदा खेल के नाम से एक प्रोजेक्ट तैयार किया है रायपुर जिले के शिक्षा अधिकारी अशोक नारायण बंजारा ने, जिन्होंने विशेष तौर पर गर्मी के दिनों में बच्चों को सक्रिय रखने के लिए इसे तैयार किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को कक्षा पहली से 12वीं तक के बच्चों के लिए तैयार किया गया है।

बच्चों का ज्ञानवर्धन है इसका उद्देश्य

DEO ए एन बंजारा ने बताया कि सभी बच्चों को प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए एक बुकलेट दिया गया है, जिसमे सामान्य जानकारियां पूछी गई हैं और इनका उत्तर अलग अलग खानों याने बॉक्स में लिखकर देना होगा। प्रोजेक्ट के रूप में बच्चों से पूछे गए सवालों में – उनकी कक्षाओं में कितने लड़के और कितनी लड़कियां हैं, अपने शरीर और अंगों के नाम बताएं, अपना वंशवृक्ष तैयार करें, और उसमे परिवार के पूरे सदस्यों के नाम और उनसे अपना रिश्ता लिखें, अपने रिश्तेदारों के गांव का नाम लिखें। अपने घर पर एक पौधा उगाएं और हर हफ्ते उसकी ऊंचाई नापें, इस तरह की अनेक जानकारियां प्रोजेक्ट में लिखनी हैं, जो बच्चों के लिए रोचक होंगी और उन्हें अपने लोगों और वस्तुओं, पेड़ पौधों तथा अन्य चीजों के बारे में पता चल सकेगा।

छुट्टियों के बाद जमा करना होगा प्रोजेक्ट

“आमाराईट” का जो प्रोजेक्ट बनाया गया है उसे तैयार करके सभी बच्चों को छुट्टी के बाद स्कूलों में जमा करने को कहा गया है।  बच्चो ने प्रोजेक्ट किस तरह बनाया है, इसके आधार पर उन्हें A, B और C वर्ग में बांटा जायेगा। इसके आधार पर बच्चे आगे और भी बेहतर प्रोजेक्ट तैयार करने का प्रयास करेंगे।

“आमाराईट” को पूरे राज्य में किया लागू

DEO रायपुर के द्वारा तैयार इस प्रोजेक्ट की शिक्षा जगत में सराहना हो रही। इसे मिल रही सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी श्री बंजारा ने “परख” नामक कार्यक्रम अपने जिले में चलाया था, जिसमे बच्चों के बीच प्रतिष्पर्धा की भावना जगाने के लिए स्कूल से जिला स्तर पर अनेक प्रतियोगिताएं कराइ गईं।

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