रेंजर ने कागजों में ही करवा दिया 20 लाख के स्टापडेम का निर्माण
रेंजर ने कागजों में ही करवा दिया 20 लाख के स्टापडेम का निर्माण

कोरबा। जिले के कटघोरा वन मंडल में पदस्थ रहे तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव द्वारा की गईं गड़बड़ियां उनका पीछा नहीं छोड़ रहीं हैं। आरोप है कि पाली के पूर्व केंदई रेंज में रहते हुए उन्होंने दूसरे वन मंडल द्वारा पूर्व से निर्मित स्टॉप डैम को अपना बताकर पूरी की पूरी राशि ही डकार ली। निर्माण कार्य की सूचना देने के लिए बोर्ड भी लगा दिया।

अधिकारी की यह करतूत उजागर होने के बाद भी अब तक रिपोर्ट नहीं आने का हवाला देकर उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। वन्यप्राणी संरक्षण व हाथी रहवास के नाम पर हर साल जंगल, नदी- नालों में स्टॉप डैम बनाने के लिए वन मंडल की ओर से मंजूरी मिलती है। ऐसे ही वर्ष 2018 में भी कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज के अंतर्गत मदनपुर के पुटा जंगल मे 20 लाख रुपए से स्टॉप डैम बनाने के लिए मंजूरी मिली थी।

तब एसडीओ प्रहलाद यादव कटघोरा वन मंडल में बतौर रेंजर पदस्थ थे। जिन्होंने निर्माण कार्य का सूचना बोर्ड तो जरूर लगा दिया लेकिन इसके 500 मीटर दूर आगे। यह क्षेत्र वन मंडल सूरजपुर के रामानुजनगर वनपरिक्षेत्र में आता है। जहां के मनाशी नाले में पूर्व के बने स्टॉप डैम को अपना बताकर लाखों की राशि कथित तौर पर डकार ली।

जहां बोर्ड वहां कोई नदी नाला नहीं..!

तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव द्वारा पुटा जंगल में जहां 20 लाख की लागत से स्टॉप डैम बनाने का सूचना बोर्ड जहां लगाया गया था, उसके 200 मीटर के आसपास कोई नदी- नाला ही नही है किंतु उक्त अधिकारी ने अपने भ्रष्ट्राचार को अंजाम देने के लिए इस प्रकार की युसीक्ति रची और उसमे वह सफल भी हो गया।

एक वन मंडल का काम दूसरे वन मंडल से कैसे?

नियमतः एक वनमंडल में मंजूर कार्य दूसरे वन मंडल में नही करा सकते, परंतु तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव ने कागजों में ऐसा कारनामा कर दिखाया और उन्होंने जिस स्टॉप डैम को अपना बताया वह रामानुज नगर वनपरिक्षेत्र में सन् 1974 से बना हुआ है जबकि सूचना बोर्ड केंदई रेंज के कक्ष क्रमांक- पी 361 में लगाया गया है। प्रहलाद यादव द्वारा सूरजपुर वनमंडल के मनाशी नाला में यदि स्टॉप डैम बनवाया भी गया था तो नियमानुसार वनविभाग में मंजूर निर्माण कार्य को चयनित स्थल के अलावा किसी दूसरे क्षेत्र में नही कराया जा सकता और यदि ऐसा होता है तो वनमंडल स्तर पर स्थल परिवर्तन के लिए संबंधित उच्चाधिकारियों से आदेश लेना पड़ता है। ऐसे में रेंजर रहे प्रहलाद यादव द्वारा स्टॉप डैम बनाया भी गया था या बनाए बिना ही राशि निकाल ली गई थी, यह गंभीर जांच का विषय है।

कई घोटाले हैं पूर्व रेंजर के नाम

पूर्व रेंजर प्रहलाद यादव पर अब तक के कार्यकाल के दौरान गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं। प्रहलाद यादव द्वारा पाली रेंज के रहने के दौरान एक तालाब के निर्माण में भी भारी गड़बड़ी की । इस बीच शासन की ओर से उन्हें एसडीओ के पद पर पदोन्नत कर जिले से अन्यंत्र स्थान्तरण किया गया था लेकिन वे अपने रसूख के बल पर अपनी पोस्टिंग पुनः कटघोरा वनमंडल में कराने सफल रहे। उनके द्वारा पाली रेंज में कराए गए तालाब निर्माण में की गई गड़बड़ी का भांडा तब फूटा जब मामले की शिकायत डीएफओ से हुई और जांच में उनके भ्रष्ट कार्य की सारी सच्चाई सामने आई। जिसमें कार्यवाही की अनुसंशा के साथ जांच प्रतिवेदन मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त व प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर को एक माह पहले भेजी जा चुकी है, लेकिन उक्त अधिकारी पर कार्यवाही की एक आंच भी आज पर्यन्त तक देखने को नही मिली।

अब तक नहीं मिली जांच रिपोर्ट : डीएफओ

टीआरपी न्यूज़ ने इस संबंध में कटघोरा डीएफओ शमा फारूकी से जानकारी चाही, तो उन्होंने बताया कि स्टॉप डैम निर्माण में प्रहलाद यादव पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगे हैं, उसकी जांच पाली रेंज के एसडीओ यदुनाथ डडसेना कर रहे हैं। फिलहाल उनसे जांच रिपोर्ट नहीं मिली है, रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में रेंजर से एसडीओ बन चुके प्रहलाद यादव से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया।

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