कोवीशील्ड के 2 डोज के बीच 12 से 16 हफ्ते का गैप रखने की सिफारिश, गर्भवती महिलाओं को भी लगाई जा सकती है वैक्सीन
कोवीशील्ड के 2 डोज के बीच 12 से 16 हफ्ते का गैप रखने की सिफारिश, गर्भवती महिलाओं को भी लगाई जा सकती है वैक्सीन

टीआरपी डेस्क। अगर आपने कोवीशिल्ड वैक्सीन लगा ली है तो इस खबर को जरूर पढ़ें। दरअसल वैक्सीनेशन को लेकर सरकार को सलाह देने वाली पैनल ने कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड के दो डोज के बीच गैप बढ़ाने की सिफारिश की है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) ने सिफारिश की है कि कोवीशील्ड के डोज के बीच का अंतर 12 से 16 हफ्ते कर दिया जाए। फिलहाल 6 से 8 हफ्ते के अंतराल में कोवीशील्ड के दो डोज लगाए जा रहे हैं। पैनल ने साफ किया कि कोवैक्सिन के मामले में किसी भी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है।

इफेक्टिव वैक्सीनेशन के लिए NTAGI की 7 सिफारिशें

1. ठीक होने के छह महीने बाद कोरोना के मरीजों को कोरोना वैक्सीन लगाई जानी चाहिए। वर्तमान में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को 14 दिनों के बाद वैक्सीन डोज दी जा रही है। एक्सपर्ट का मानना ​​है कि यह मानव शरीर में नेचुरल एंटीबॉडी की एक्टिविटी को बढ़ावा देगा।

2. वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद संक्रमित हुए लोगों को उनके ठीक होने के 4-8 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगाई जानी चाहिए। वर्तमान में इन मरीजों को उनके ठीक होने के 14 दिन बाद दूसरी डोज दी जा रही है।

3. कोरोना के इलाज के दौरान प्लाज्मा थेरेपी से गुजरने वाले मरीजों को ठीक होने के 12 हफ्ते के बाद वैक्सीन डोज दी जानी चाहिए। वर्तमान में इन मरीजों के लिए कोई खास नियम नहीं है और वे कोरोना से ठीक होने के 14 दिनों के बाद डोज लगवा रहे हैं।

4. वो लोग जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं, उन्हें ठीक होने के 4 से 8 हफ्ते के बाद वैक्सीन लगवाना चाहिए. वर्तमान में इन मरीजों के लिए कोई अलग प्रोटोकॉल नहीं है। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना ​​है कि किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए अंतराल की जरूरत होती है।

5. वैक्सीनेशन से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है। वैक्सीनेशन सेंटर्स पर अनावश्यक भीड़ से बचने की सिफारिश की गई है, जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का डर है।

6. कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करें। वर्तमान में ये अंतराल 4-8 हफ्ते का है। लैंसेट के मुताबिक, 12 सप्ताह के गैप से वैक्सीन की प्रभावशीलता 81.3 प्रतिशत बढ़ जाएगी। यूनाइटेड किंगडम में इस प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।

7. प्रेग्नेंट महिलाओं को एंटीनेटल सेंटर्स पर वैक्सीनेशन के लाभ और हानि के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। साइड-इफेक्ट पर आधारित एक बुकलेट उन्हें दी जानी चाहिए। उन्हें वैक्सीनेशन का ऑप्शन भी दिया जाना चाहिए। वर्तमान में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लगवाने की इजाजत नहीं है।

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