डेल्टा प्लस वेरिएंट

रायपुर। प्रदेश में डेल्टा वेरिएंट के 105 व एन-440 के 4 म्यूटेंट वायरस मिल चुके हैं। राहत भरी खबर यह है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट वाले वायरस नहीं मिले हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल-मई में रायपुर के साथ-साथ दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा व जांजगीर-चांपा में डेल्टा वेरिएंट के कारण ही बेहद तेजी से कोरोना का संक्रमण बढ़ा था।

वायरस में किसी प्रकार के म्यूटेशन की जांच के लिए हर माह 5 फीसदी सैंपल जांच के लिए विशाखापट्‌टनम भेजे जा रहे हैं। तीसरी लहर के लिए जिस डेल्टा प्लस वैरिएंट की चर्चा दुनियाभर में है, राजधानी और प्रदेश में अब तक यह म्यूटेशन किसी भी सैंपल में नहीं मिला है।

दूसरी लहर में राजधानी समेत प्रदेश के बाकी जिलों में भी अप्रैल-मई में कोरोना मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ी थी। वायरस का म्यूटेशन जानने के लिए जीनोम सीक्वेंस जांच की जाती है। इसकी सुविधा प्रदेश में नहीं है इसलिए सैंपल विशाखापट्टनम भेजे जा रहे हैं। पहले सैंपल पुणे स्थित नेशनल वायरोलॉजी लैब भेजे जाते थे।

स्वास्थ्य विभाग ने मई में 562 सैंपल भेजे थे। इनमें 20.3 फीसदी यानी 105 सैंपल में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई थी। मगर अब इसके वेरिएंट नहीं मिल रहे हैं इसलिए नए केस भी लगातार कम हो रहे हैं। मरीजों के लिहाज से जून काफी राहत देने वाला है। रायपुर में इस माह अधिकतम 119 मरीज मिले हैं। जबकि सबसे कम मरीज 11 मरीज 12 जून को मिले थे। अब 25 से कम मरीज मिल रहे हैं।

प्रदेश में 12 वायरोलॉजी लैब
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों को मिलाकर 12 वायरोलॉजी लैब है। जहां आरटीपीसीआर पद्धति से सैंपलों की जांच की जा रही है। इसके अलावा ट्रू नॉट व रैपिड एंटीजन किट से कोरोना की जांच हो रही है।

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