बिलासपुर। यहां के ग्राम दर्रीघाट में पिछले दिनों कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले के घर पर नकाबपोश डकैतों द्वारा महिलाओं को बंधक बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था। डकैतों ने घर की महिलाओं को बंदूक दिखाकर धमकाया और अलमारी से सोने-चांदी के गहने और नगदी लूटकर फरार हो गए थे। बिलासपुर एसपी पारूल माथुर ने इस पूरे मामले का खुलासा किया।
दिन-दहाड़े दिया वारदात को अंजाम
कांग्रेस के जिला सचिव टाकेश्वर पाटले 13 जनवरी की सुबह जब घर से बाहर थे तब सुबह 11 बजे के करीब 8-9 युवक उनके घर पर पहुंचे। सभी ने हेलमेट और मास्क पहन रखा था। परिजनों के मुताबिक इस डकैती में करीब 2.5 लाख नकद और करीब 1.5 लाख के जेवर डकैत लेकर मौके से फरार हो गए।
100 से अधिक CCTV फुटेज की हुई जांच
बिलासपुर जिले की पुलिस ने इस दौरान 1000 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले और 100 से अधिक गांव के साथ विभिन्न हाईवे मार्ग एवं राजकीय मार्गों पर विभिन्न स्थानों पर लगे 1000 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की तस्दीक की। कुछ स्थानों पर संदेहियों के फुटेज हासिल हुए, जिसे पीड़ित परिवार के सदस्यों को दिखाकर तस्दीक कराया जाकर उनके हुलिया को पहचाना गया।
उड़ीसा की ओर भागे थे डकैत
CCTV फुटेज से हुए खुलासे के बाद पुलिस की एक टीम उड़ीसा भेजी गई, जिसकी तगड़ी घेराबंदी के बाद वारदात में शामिल छोटू सिंह पिता बबलू सिंह उम्र 23 साल, उदीतनगर जिला सुंदरगढ़ तथा आनंद टोप्पो पिता सुशील टोप्पो साकिन जिला सुंदरगढ़ उड़ीसा को पकड़ने में सफलता मिली। दोनो आरोपीयों ने पूछताछ दौरान बाताया कि अजय ध्रुव पिता अमर सिंह ध्रुव जो कि घटनास्थल के समीप ग्राम लावर मस्तूरी का निवासी है, उसने इस वारदात की योजना बनाई थी।
षड्यंत्र के तहत जेल भेजने का लिया बदला
इस डकैती के पीछे जो कहानी उभर कर सामने आयी है, उसके मुताबिक अजय ध्रुव जो कि 2017 में जमीन विवाद प्रकरण में अपने माता एवं पिता के साथ जेल में बंद रहा है। आरोपी अजय ध्रुव को यह आशंका थी कि जिस प्रकरण में उसे जेल भेजा गया है, उसमें उसके विरुद्ध रिपोर्ट करने वाले व्यक्ति की मदद एवं उसे जेल भेजने में टाकेश्वर पाटले की भूमिका रही है, इसलिए आरोपी अजय कुमार ध्रुव ने टाकेश्वर पाटले से बदला लेने की नीयत से यह योजना बनाई।
जेल में ही बन गई थी डकैती की योजना
जब अजय ध्रुव जेल में निरुद्ध था, उसी दौरान सरकंडा में हुई हत्या के प्रकरण में जेल में निरुद्ध रमजान उर्फ बल्ला जोकि चिंगराजपारा का रहने वाला है, उसके द्वारा जेल के अंदर ही उससे अच्छी दोस्ती कर प्रार्थी से बदला लेने की नीयत से एक योजना बनाई गई, जब सभी जेल से बाहर आ जाएं, तब रमजान उर्फ बल्ला के द्वारा अजय कुमार ध्रुव के साथ डकैती करने के लिए दिन एवं स्थान सुनिश्चित करने का आपस में समन्वय स्थापित कर योजना बनाएंगे।
रमजान है इस मामले का मास्टरमाइंड
पुलिस ने इस मामले में रमजान उर्फ बबलू को मास्टरमाइंड बताया है, वह मूलतः उड़ीसा का रहने वाला है, उसी के द्वारा उड़ीसा में अन्य वारदातों में शामिल रहे कुख्यात लोगों को इस प्रकरण में शामिल किया गया, जो कि कई डकैती और हत्या के प्रकरण में जेल भी जा चुके हैं, इसके लिए बल्लु उर्फ रमजान के द्वारा अपने साथी दुर्गेश के साथ उड़ीसा जाकर अनिल शाह, माइकल उर्फ राहुल सिंह ,टोनी उर्फ आनंद टोप्पो आदि को शामिल किया गया, साथ ही रमजान ने ग्राम सिमरिया के एक अन्य साथी तुलसी भारती को भी रायगढ़ बुलाया। यहां से अजय कुमार ध्रुव से बातचीत कर अगले दिन 13 तारीख को सुबह योजनाबद्ध तरीके से ग्राम चिल्हाटी से रवाना होकर 3 वाहनों में अलग-अलग 7 लोग वारदात करने के लिए निकले और ग्राम दर्रीघाट पहुंचे, जहां पर घटना को कारित कर ग्राम दर्रीघाट से होते हुए कोटमी सुनार होते हुए सभी अलग-अलग स्थानों से भाग गए।
वारदात को राजनैतिक रंग देने का हुआ था प्रयास
गौरतलब है कि डकैती की इस वारदात के बाद पीड़ित टाकेश्वर पाटले ने कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय के ऊपर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा। हालांकि पुलिस ने इस राजनीति में उलझने की बजाय गंभीरता से इन्वेस्टीगेशन किया और बहुत ही कम समय में डकैती के इस मामले का खुलासा करने में सफलता हासिल की। बिलासपुर एसपी पारुल माथुर ने इस वारदात को लेकर क्या जानकारी दी, उसे जानने के लिए देखिये यह वीडियो :
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