स्कूली बच्चों की फिर से करानी पड़ रही है BASE LINE परीक्षा, ये है वजह…
स्कूली बच्चों की फिर से करानी पड़ रही है BASE LINE परीक्षा, ये है वजह…

रायपुर। कोरोना काल के बाद स्कूल लौटे बच्चे पुराना सब कुछ भूल तो नही गये, या फिर कमजोर तो नही हो गये, इसके आंकलन के लिए शिक्षा विभाग ने एक माह पहले ही प्राइमरी और मिडिल कक्षाओं की बेसलाइन परीक्षा ली थी, मगर यह परीक्षा दोबारा लेनी पड़ रही है, आज से सरकारी स्कूलों में ये परीक्षाएं फिर शुरू हो गईं हैं।

देशभर में कोरोना की विपदा आयी। इस दौरान बच्चों को पढाई से जोड़े रखने के लिए निजी विद्यालयों में ऑनलाइन क्लासेस हुए तो सरकारी स्कूलों में मोहल्ला क्लास के साथ ही अनेक नए उपाय अपनाये गए। अब जब बच्चे स्कूल आने लगे हैं, ऐसे में उनकी बुद्धिमता का स्तर पिछली कक्षाओं से आगे है या वे पढाई में कमजोर हैं, इसके लिए 03 स्तरों में उनकी परीक्षा ली जानी है। पहले क्रम में बेसलाइन की परीक्षा पिछले महीने ही ली गई, जिसमे अंकों के आधार पर कमजोर बच्चों के स्तर में सुधार का प्रयास किया जाना था।

शिक्षकों ने बढ़ा दिए बच्चो के नंबर

दरअसल बेसलाइन परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र एससीईआरटी द्वारा तैयार किये गए और बच्चों की उत्तरपुस्तिका जाँच करने के बाद उनके अंक ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज किया जाना था। बताया जाता है कि अधिकांश कक्षा शिक्षकों ने खुद ही बच्चो की कॉपियां जांची और पोर्टल में बच्चो के नंबर काफी ज्यादा बढाकर भर दिए। किसी का 80% तो किसी का 70%, इस पर विभाग के उच्चाधिकारियों ने शंका जताते हुए सवाल उठाया कि आखिर कोरोना काल की लंबी अवधि के बाद लौटे बच्चों के इतने अच्छे अंक कैसे आ सकते हैं।

अब दूसरे स्कूलों के शिक्षक जांचेंगे कॉपियां

प्रदेश भर के शासकीय स्कूलों में आज से दोबारा BASE LINE की परीक्षा शुरू हो गई है। आज कक्षा 1, 2, 3 व 6वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन हुआ, 1 अक्टूबर को अन्य कक्षाओं का मूल्यांकन किया जायेगा। बच्चों को अपनी कापी के अलग से पन्ने में सवाल हल करना है और जमा करना है। यह निर्देश भी जारी किया गया है कि उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन संकुल स्तर पर होगा। जिस स्कूल में बच्चे पढ़ रहे है अब उसके शिक्षक कॉपी नहीं जांचेंगे, बल्कि दूसरे स्कूल के शिक्षक मूल्यांकन करेंगे।

शिक्षकों ने बच्चो की कराई तैयारी

बेसलाइन परीक्षा में गड़बड़ी और उसके बाद दोबारा हो रही इस परीक्षा को लेकर अब शिक्षक गंभीर हो चले हैं। बच्चों के नंबर कम न आएं इसको लेकर अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों ने बच्चों की अच्छे से तैयारी करवाई है, यहां तक कि बेसलाइन परीक्षा के एक दिन पहले बच्चो का अलग से प्रिएग्जाम टेस्ट भी लिया गया, ताकि दोबारा हो रहे मूल्यांकन में बच्चे अच्छे नंबर लेकर आएं।

03 स्तरों पर होगा मूल्यांकन

“आगे पाठ पीछे सपाट” वाली कहावत तो आपने सुनी होगी। यह कहावत कारोना काल की वजह से आजकल फिर से चर्चा में है, ऐसे में आंकलन परीक्षा में पूर्व के दो कक्षाओं के प्रश्न पूछ कर छात्रों को एकबार फिर से मानसिक रूप से तंदुरूस्त किया जाएगा।

शिक्षा विभाग ने जो तैयारी की है उसके मुताबिक बेसलाइन परीक्षा में जो बच्चे कमजोर पाए जायेंगे उनके स्तर में सुधार का प्रयास किया जायेगा। इसके बाद “MID LINE ” की परीक्षा होगी, इसमें भी अंकों के आधार पर बच्चों का स्तर सुधारा जायेगा, और आखिर में END LINE की मूल्यांकन परीक्षा होगी। ऐसा करके बच्चो के शिक्षा के स्तर में सुधार कराया जायेगा, ताकि वे मुख्य परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकें।

अब यह देखने वाली बात होगी कि शिक्षक इस प्रयास में कितनी गंभीरता दिखते हैं , क्योंकि इस योजना की सारी सफलता इन शक्षकों की मेहनत पर ही निर्भर है।

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