खुले में जहरीले कीटनाशक, घटिया सामग्रियों की आपूर्ति के मामले में बीज निगम घेरे में
खुले में जहरीले कीटनाशक, घटिया सामग्रियों की आपूर्ति के मामले में बीज निगम घेरे में

टीआरपी डेस्क। बीज निगम और कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से हर वर्ष किसानो के लिए लाखों के खाद, बीज और कीटनाशक की खरीदी होती है। मगर घटिया क्वालिटी और आबंटन नहीं होने के चलते ऐसी सामग्रियां सालों तक गोदाम में पड़ी रह जाती हैं। जिन्हें बाद में खुले में ही फेंक दिया जाता है।

ऐसा ही एक मामला अंबिकापुर जिले के लखनपुर ब्लॉक में सामने आया है। यहां बड़ी मात्रा में खाद, बीज और कीटनाशक खुले में पड़े हुए हैं। इससे लोगों की जान को खतरा हो सकता है। अंबिकापुर के कृषि उप संचालक का कहना है की इस मामले में तत्कालीन अधिकारी के साथ ही बीज निगम और सप्लायर कंपनी इसके लिए जिम्मेदार हैं। गौर करने वाली बात यह कि सन् 2008 से इस मामले की जांच अब भी अधूरी है।

कृषि विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा शासन की ओर से क्षेत्र के किसानों को मिलने वाले कीटनाशक, दवाइयों एव बीज को नहीं बांटा गया बल्कि लाखों रुपए की इन सामग्रियों को लखनपुर के पशु चिकित्सालय और अचीवर पब्लिक स्कूल के सामने खुले में फेंक दिया गया है। अंबिकापुर जिले के लखनपुर ब्लॉक स्थित कृषि विभाग के कार्यालय के गोदाम में ये सामग्रियां सालों तक पड़ी रहीं। बाद में इन्हें खुले में फेंक दिया गया। इस तरह जहरीले कीटनाशकों और दवाइयों का खुले में पड़े रहना कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा यहाँ के कृषि अमले को भी होगा, मगर वे इस बात को लेकर जरा सा भी गंभीर नहीं हैं।

सात ब्लॉक में की गई थी सप्लाई

अंबिकापुर में कृषि विभाग के उप संचालक एम आर भगत ने बताया कि यह प्रकरण सन 2007-08 का है। तब लखनपुर के साथ ही जिले के सातों ब्लॉक में इस तरह की सामग्रियो की सप्लाई की गयी थी। तब संभवतः दूसरे सभी ब्लॉक में इन सामग्रियों की आपूर्ति किसानों को कर दी गयी मगर लखनपुर में तत्कालीन कृषि उप संचालक ने इसका आबंटन रोक दिया। इनकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने के चलते ऐसा किया गया। भगत ने बताया कि तब इन खाद बीज और कीटनाशकों को एक जर्जर मकान में रख दिया गया था, मगर जब मकान ध्वस्त हो गया तब सामान खुले में आ गया। उन्होंने स्वीकार किया कि इस तरह सामग्रियों का खुले में पड़े रहना खतरनाक हो सकता है।

पुलिस और विभागीय जांच अब भी है लंबित

कृषि उप संचालक एम.आर. भगत ने बताया कि सन 2007-08 में घटिया सामग्रियों की सप्लाई के मामले में इलाके के प्रतापपुर थाने में एफ आई आर दर्ज कराया गया था। पुलिस ने उनके कार्यालय से सप्लाई से संबंधित सभी दस्तावेज लिए मगर अब तक पुलिस की जाँच पूरी नहीं हो सकी है। उधर इस मामले की कृषि विभाग के रायपुर मुख्यालय से एडिशनल डायरेक्टर स्तर के अधिकारी जाँच कर रहे हैं, और 13 साल बाद भी विभागीय जाँच चल ही रही है।

इस गड़बड़ी का जिम्मेदार कौन?

कृषि उप संचालक एम आर भगत ने पूछे जाने पर कहा कि इस प्रकरण में जिम्मेदार तत्कालीन डीडीए एल एम भगत के अलावा बीज निगम और सप्लायर कंपनी हैं। उन्होंने बातचीत में कहा कि बीज निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने कंपनियों से घटिया सामग्रियां लीं, वहीँ समय रहते कृषि उप संचालक ने मामले में संज्ञान नहीं लिया। तत्कालीन डीडीए एल एम भगत वर्तमान में इसी पद पर रायगढ़ जिले में पदस्थ हैं।

गोदाम में पड़ी हैं कालातीत सामग्रियां!

वर्तमान में लखनपुर कृषि कार्यालय के गोदाम में जो खाद बीज एवं कीटनाशक दवाइयां रखी हुई है उनमें मैन्युफैक्चरिंग एवं एक्सपायरी तारीख अंकित ही नहीं है। इधर अधिकारी भी मान रहे है कि किसानों को बांटी जाने वाली दवा बेकार पड़ी हैं। जिससे कि सरकार को नुकसान तो हो रहा है किसानों को भी फायदा नही मिल पा रहा है।

इस तरह का यह पहला मामला नहीं है, जिसमे इस तरह की घटिया सामग्रियों की सप्लाई की गई है। ऐसे ही पूरे प्रदेश में बीज निगम के माध्यम से खाद, बीज और दवाइयों की आपूर्ति की जाती है। इस दौरान गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। वहीँ जांच में के नाम पर प्रकरण को बरसों तक लंबित रखा जाता है। जिसके चलते दोषियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाती है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…