भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण फैसला देते हुए शनिवार को अयोध्या में विवादित

2.77 एकड़ भूमि हिंदुओं को देकर भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया और मुस्लिमों

को मस्जिद बनाने के लिए कहीं अन्य पांच एकड़ भूमि देने का आदेश सुनाया। लेकिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद

ढांचा गिराये जाने के मामले में फैसला आना अभी बाकी है।

 

संभावना है कि अप्रैल 2020 तक इस आपराधिक मामले में भी कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। लेकिन इससे

पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने

कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को गैर कानूनी अपराध माना है, ऐसे में क्या दोषियों

को सजा मिल पाएगी?

 

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दिग्विजय सिंह ने रविवार की सुबह लगातार दो ट्वीट किए। पहले

ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘राम जन्म भूमि के निर्णय का सभी ने सम्मान किया हम आभारी हैं। कांग्रेस ने हमेशा से

यही कहा था हर विवाद का हल संविधान द्वारा स्थापित कानून व नियमों के दायरे में ही खोजना चाहिए। विध्वंस

और हिंसा का रास्ता किसी के हित में नहीं है।

 

 

गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या की विवादित जमीन पर बनी बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिरा दिया गया था.

इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही

हजारों कारसेवक भी शामिल रहे थे, जिन्होंने 1992 में अयोध्या में 16वीं शताब्दी में बने विवादित ढांचे को गिराने में

भूमिका निभाई थी.

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।