रायपुर। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2019) का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को कहते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो इस साल 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर बेहद दुर्लभ योग बन रहा है।

चंद्रमा से होती है अमृत वर्षा

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ने से गजकेसरी नाम का शुभ योग बन रहा है। जिसकी वजह से इस शरद पूर्णिमा का महत्व और अधिक बढ़ गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म होने के साथ चंद्रमा इस दिन धरती पर अमृत की वर्षा करता है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन छोटा सा उपाय करने से भी बड़ी-बड़ी विपत्ति टल जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं धन और सुख की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शरद पूर्णिमा पर किस मुहूर्त पर कैसे करें पूजा।

शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 अक्‍टूबर 2019 की रात 12 बजकर 36 मिनट से
  • पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 14 अक्‍टूबर की रात 02 बजकर 38 मिनट तक
  • चंद्रोदय का समय: 13 अक्‍टूबर 2019 की शाम 05 बजकर 26 मिनट

शरद पूर्णिमा व्रत विधि

  • पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले अपने इष्ट देव का पूजन करना चाहिए।
  • उसके बाद भगवान इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करने के लिए घी का दीपक जलाएं।
  • इस दिन ब्राह्माणों को विशेषकर खीर का भोजन करवाकर दान दक्षिणा भी देनी चाहिए।
  • शरद पूर्णिमा का व्रत विशेषकर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन घर में जागरण करने से भी धन-संपत्ति में लाभ होता है।
  • शरद पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
  • शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर मंदिर में दान करने से भी लाभ मिलता है। माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है।
  • पूजा करने के बाद रात 12 बजे के बाद अपने परिवार के लोगों को खीर का प्रसाद बांटें।

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