Smart City Surgery 9 - Even after spending crores on the beauty of Jawahar Bazar, there was a lot of dirt and garbage, the allocation of shops also stuck
स्मार्ट सिटी सर्जरी 9 - जवाहर बाजार की खूबसूरती पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी गंदगी और कचरे का लगा अंबार, दुकानों का आवंटन भी अटका

दामिनी बंजारे

रायपुर। शहर में आम लोगों की सुविधाओं को बढ़ाने के 2015 से स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कई योजनाएं जारी है। जिसके तहत में नेकी की दीवार, तेलीबांधा झील शुद्धिकरण और कायाकल्प, शहीद स्मारक, टाउन हॉल, नालंदा परिसर, हेरिटेज वॉक, आनंद समाज पुस्तकालय, बापू की कुटिया, इंटर स्टेट बस टर्मिनल, वाटर एटीएम, आईटीएमएस, साइकिल ट्रैक, मल्टी लेवल पार्किंग, तालाबों का विकास, जवाहर बाजार शामिल हैं।

इनमें से कई योजनाएं शुरू तो हो चुकी हैं। इसके बावजूद भी इनका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है। आज टीआरपी की टीम ने जवाहर बाजार का जायजा लिया। जिसकी जमीनी हकीकत से आपको रूबरू करवा रहे हैं।

खूबसूरती पर करोड़ों खर्च

रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने इस ऐतिहासिक व्यवसायिक परिसर का नवनिर्माण एवं जीर्णोद्धार के लिए अप्रैल, 2017 में 20 करोड़ रुपये की निविदा निकाली थ। वहीं इसे लगभग 23 करोड़ 75 लाख रु की लागत से तैयार कर 24 नवंबर 2020 को इसका लोकार्पण हुआ था। जीर्णोद्धार में बाजार के ऐतिहासिक मुख्य द्वार को यथावत रखा गया है। इससे इसकी खूबसूरती और भी बढ़ गई है।

नए स्वरूप लिए इस तीन मंजिला जवाहर बाजार पार्किंग सह-व्यवसायिक परिसर में 147 दुकानों का निर्माण किया गया है। साथ ही यहां 150 कार और 110 दुपहियां वाहनों की पार्किंग की सुविधा है। मगर अब भी मालवीय रोड में ट्रैफिक पुलिस को यातायात व्यवस्था संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

निगम पर अटका दुकानों का आवंटन

जवाहर बाजार पार्किंग पांच प्रमुख बाजारों के बीच एक बड़ी पार्किंग हैं। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी एवीआर इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दी गई थी। भूतल और प्रथम तल में कुल 147 दुकानों का निर्माण किया गया है। जवाहर बाजार में परिसर में 91 दुकानदार थे, जिन्हें यहां दुकानें दी जानी थी। साथ ही अतिरिक्त दुकानों का आवंटन नगर निगम द्वारा किया जाना है।

गाड़ियों की जगह गंदगी एवं मलबे ने ले ली

अधिकारियों के मुताबिक पुराने बाजार को तोड़कर नए भवन का निर्माण और अंडरग्राउंड पार्किंग बनाया गया हैं। लेकिन जब इसकी जांच टीआरपी की टीम ने की तब इसकी एक अलग ही तस्वीर सामने आई। 23 करोड़ 75 लाख रुपए के लागत से तैयार जवाहर बाजार में अब तक भी पार्किंग शुरू नहीं हो सकी है। पार्किंग स्थल में गाड़ियों की जगह मलबे और गंदगी ने ले ली है।

पार्किंग में कचरे का अंबार लगा हुआ है। जगह-जगह गुटखा थूका गया है तो कुछ एक वाहन बेतरतीब तरीके से पार्क हुए दिखाई दिए। पार्किंग व्यवस्था के लिए न ही अब तक कोई ठेका दिया गया है न ही देखरेख के लिए कोई गार्ड है। 75 दुकनों में अधिकांश दुकानों में ताला लगा है।

नोटः टीआरपी की टीम स्मार्ट सिटी सर्जरी के नाम से आपके समक्ष कई योजनाओं की हकीकत इसी तरह अलग-अलग भागों में लेकर आ रही है। इन योजनाओं के संबंध में जानने के लिए हमसे आगे भी जुड़े रहें और इसकी अगली कड़ी भी जरूर पढ़ें।

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