रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य शासन के एक प्रतिनिधि मण्डल ने केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पाण्डेय, सचिव और खाद्य विभाग संयुक्त सचिव, सुबोध सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की। जिसमें राज्य के सचिव खाद्य ने विषय रखा कि आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राज्य में लगभग 105 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन संभावित है, जिसके लिए राज्य को 5.25 लाख गठान बारदानो की आवश्यकता होगी। जिसके बाद भारत सरकार द्वारा राज्य को 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से किये जाने की सहमति प्रदान की गई है।

सचिव खाद्य द्वारा राज्य को नये जूट बारदानो की आपूर्ति में वृद्धि करते हुए राज्य को पर्याप्त नये जूट बारदाने उपलब्ध कराने एवं 1.13 लाख गठान एचडीपीई/पी.पी. बारदाने क्रय की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया गया। साथ ही राज्य को नये जूट बारदाने की आपूर्ति गति में तेजी लाने एवं आपूर्ति कार्ययोजना के अनुसार राज्य को बारदाने उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया। साथ ही 50 हजार गठान नये जूट बारदाने निविदा के माध्यम से क्रय करने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया गया, ताकि राज्य के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान का सुचारू उपार्जन सुनिश्चित किया जा सके।

सचिव, खाद्य, छ.ग.शासन द्वारा भारत सरकार को अवगत कराया गया कि आगामी खरीफ वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय पूल के अन्तर्गत 61.65 लाख मेट्रिक टन अरवा चावल लेने एवं उसना चावल उपार्जित नहीं किये जाने की सूचना भारत सरकार से प्राप्त हुई है। सचिव, खाद्य, द्वारा इस संबंध में केन्द्रीय पूल के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम में 24 लाख मेट्रिक टन अरवा चावल के अतिरिक्त, 23 लाख मेट्रिक टन उसना चावल स्वीकार किये जाने का अनुरोध किया गया।

इस दौरान सचिव, खाद्य, द्वारा प्रदेश में उपार्जित किये जाने वाले धान के किस्म व प्रदेश में स्थापित उसना मिलों व इसमें नियोजित मजदूरों के संबंध में भी स्थिति की जानकारी दी गई। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजाब व अन्य राज्यों की भांति समिति कमीशन की राशि समर्थन मूल्य का 2.5 प्रतिशत किये जाने का अनुरोध किया गया।

इसके अलावा सचिव, खाद्य, द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में चावल जमा की अंतिम तिथि में वृद्धि करने तथा एफसीआई अंतर्गत अरवा एवं फोर्टिफाईड अरवा के शेष लक्ष्य को फोर्टिफाईड उसना/सामान्य उसना चावल के लक्ष्य में परिवर्तित करने का अनुरोध किया गया। साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में मिलर द्वारा मिलिंग हेतु प्रयोग में लाये गये एवं मिलिंग पश्चात मिलर के पास शेष बारदानों की दर निर्धारण के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करने का अनुरोध किया गया।

इसके अलावा भारत सरकार द्वारा लंबित खाद्य सब्सिडी की प्रतिपूर्ति, पुराने बारदानो का उपयोगिता शुल्क, परिवहन शुल्क का निर्धारण एवं खरीफ वर्ष 2011-12 से वर्ष 2018-19 तक का अंतिम सीएमआर दर के निर्धारण का भी अनुरोध किया गया। उक्त समस्त विषयों के संबंध में राज्य के प्रतिनिधि मंडल की सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार से विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें सचिव, भारत सरकार द्वारा समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।

इसी प्रकार राज्य के प्रतिनिधि मंडल द्वारा संजीव कुमार, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, भारतीय खाद्य निगम से भी मुलाकात कर आगामी खरीफ वर्ष में उसना चावल स्वीकार किये जाने एवं इस वर्ष में अरवा के शेष लक्ष्य को उसना में परिवर्तित करने का अनुरोध किया गया।

उक्त प्रतिनिधि मंडल में मनोज कुमार सोनी, विशेष सचिव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, निरंजन दास, प्रबंध संचालक, नागरिक आपूर्ति निगम, किरण कौशल, प्रबंध संचालक, छ.ग.राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, तथा प्रशांत लाल, वित्तीय नियंत्रक, छ.ग.राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित सम्मिलित हैं।

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