रायपुर। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक (Dharam Lal Kaushik) ने स्थानीय निकायों में महापौर/अध्यक्ष

के अप्रत्यक्ष चुनाव पर प्रदेश कैबिनेट की मुहर लगाने को लोकतंत्र का काला अध्याय बताया है। कौशिक ने कहा कि

समूचे प्रदेश में मतदाताओं से मेयर चुनने का अधिकार छीन लेना निंदनीय और लोकतांत्रिक प्रणाली पर कुठाराघात

जैसा है।

 

धरमलाल कौशिक (Dharam Lal Kaushik) ने इसी तरह बैलेट पेपर से निकाय चुनाव कराने के निर्णय को निहायत ही

अनैतिक और बेतुका कहा है। उन्होंने कहा कि ईवीएम से जनादेश हासिल कर के सरकार उसी दिन बैलेट से चुनाव

कराने के निर्णय पर मुहर लगाती है, जिस दिन उपचुनाव में जीत का जश्न मना रही होती है, ज़ाहिर है यह जीत भी

वोटिंग मशीन से ही मिली है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा ही हुआ जैसे लोकतांत्रिक प्रणाली से सत्ता हासिल कर कोई

शासक लोकतंत्र को ही ख़त्म कर दे।

न्याय के हित में  प्रदेश शासन को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए

कौशिक ने कहा कि एक भी बाज़िव तर्क नही है सरकार के पास जिससे बैलेट पेपर से चुनाव कराने को ज़ायज

कहा जा सके। केवल बाहुबल से शहर की सत्ता क़ब्ज़ाना ऐसे निर्णय का अकेला मतलब है। कौशिक ने न्याय के

हित में अभी भी प्रदेश शासन को अपने निर्णय पर विचार करने को कहा है।

 

कौशिक ने कहा कि बूथ क़ब्ज़ा को बढ़ावा देने के अलावा शासकीय तंत्र का दुरुपयोग, लम्बी और उबाऊ चुनाव

प्रक्रिया, तमाम काम को छोड़ शासकीय कर्मचारियों का लगे रहना, धन की बर्बादी के अलावा टनों काग़ज़ का

इस्तेमाल आदि ऐसे दुष्प्रभाव हैं, जिनसे बचा जा सकता था।

भूपेश सरकार प्रदेश को पचास वर्ष पीछे ले जाना चाहती है

कौशिक ने कहा कि भूपेश सरकार प्रदेश को पचास वर्ष पीछे ले जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि हर स्तर

पर कांग्रेस की इस प्रतिगामी सरकार की ऐसी तानाशाही का विरोध किया जायेगा।

 

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