HC shock to seven key officers of State Administrative Service, promotion stopped till further orders
राज्य प्रशासनिक सेवा के सात प्रमुख अफसरों को HC का झटका, आगामी आदेश तक रोका प्रमोशन

नई दिल्ली। दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई की देखरेख कर रहे केंद्रीय अफसरों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के अवमानना नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रोक लगा दी।

केंद्र ने हाईकोर्ट के नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने ये माना कि केंद्र के अफसरों को जेल भेजने या फिर उन्हें अवमानना के मामले में घसीटने से ऑक्सीजन नहीं मिलेगी, लेकिन अदालत ने केंद्र से पूछा कि इस समस्या का हल क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि मुंबई मॉडल से सीखकर दिल्ली को पूरी ऑक्सीजन देने की कोशिश कीजिए। साथ ही केंद्र को करीब 20 घंटे का वक्त देते हुए कहा कि दिल्ली को रोज 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने का प्लान गुरुवार सुबह 10.30 बजे तक बताएं।

केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केंद्र और उसके अफसर इस मामले में अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से अवमानना का नोटिस दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से जानें गई हैं और यह नेशनल इमरजेंसी है, इसमें कोई शक नहीं है।

ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में बताइए: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली में कोविड मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दिए गए निर्देशों का पालन न किए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और उसके अफसरों को अवमानना नोटिस भेजा था। कोर्ट ने अफसरों को अदालत में मौजूद रहने के निर्देश भी दिए थे।

केंद्र जब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि आप बस एक जगह से दूसरी जगह दौड़ रहे हैं। कृपया हमें ऑक्सीजन की मांग और उसकी सप्लाई के बारे में बताइए। इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए गए? महामारी पूरे देश में फैली है। ऑक्सीजन सप्लाई निश्चित करने के रास्ते तलाशने होंगे। हम दिल्ली के लोगों को जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

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