टीआरपी न्यूज/रायपुर। मध्यप्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के गांव घोलधरा के खेतों पर टिड्डी दल ने हमला बोल दिया है। टिड्डी दल का यह हमला करीब 6 बजे हुआ है। घोरधरा गाँव में टिड्डी दल के इस हमले में फसलों के नुक़सान समेत बाक़ी ब्यौरे का इंतज़ार है। लेकिन प्रशासन ने जिन कीटनाशकों के जरिए टिड्डों के खात्मे की तैयारी की है, उसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। किसानों को जिन कंपनियों के कीटनाशक बेचे जा रहे हैं, उसकी गुणवत्ता की जांच तक नहीं की गई है।


11 कंपनियों को दिए गए हैं 20 करोड़ रुपए के कीटनाशक के आर्डर

बता दें कि राज्य में करीब 20 करोड़ रुपए के कीटनाशक के आर्डर 11 कंपनियों को दिए गए हैं। इनमें से एक कंपनी के उत्पाद बाजार में आने के बाद कृषि विभाग ने फरीदाबाद की सेंट्रल लैब से जांच कराई। इसमें उत्पाद मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। जबकि कीटनाशक की सप्लाई से पहले सभी कंपनियों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता की जांच राज्य की अधिकृत प्रयोगशाला में करानी चाहिए थी। इसके उलट कंपनियों ने तय प्रयोगशालाओं की जगह जहां-तहां जांच करा ली। राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम ने कीटनाशक सप्लाई का आर्डर दे दिया।


छत्तीसगढ़ में यहां है परीक्षण लैब


कीटनाशक खरीद अधिनियम धारा-19 में अंतर्गत कीटनाशक खरीद से पहले राजनांदगांव की ठेलकाडीह स्थित अधिसूचित राज्य कीटनाशी परीक्षण प्रयोगशाला से जांच कराना अनिवार्य है। राजनांदगांव प्रयोगशाला में जांच न हो पाने की स्थिति में हरियाणा के फरीदाबाद की सेंट्रल लैब में ही भेजे जाने का प्रावधान है।


बिना परीक्षण कराए बेचे जा रहे हैं किसानों को

चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइड लाइन को दरकिनार कर कीटनाशक की खरीदी से पूर्व बीज निगम और इसके वितरण से पहले कृषि विभाग ने भी जांच नहीं कराई। सूत्रों के मुताबिक इसमें बीज निगम और कृषि अधिकारियों की मिलीभगत रही। मानक की कसौटी पर खरे न उरतने वाले कीटशनाक टिड्डी दल को खत्म कर सकेंगे, इस बात पर संशय पैदा हो गया है।


जो लैब अधिसूचित नहीं वहां करा ली जांच

कीटनाशकों की गुणवत्ता की जांच के लिए कृषि विभाग के अफसरों ने सैंपल यूपी के कानपुर स्थित सीएस आजाद यूनिवर्सिटी एग्री एंड टेक के डिपार्टमेंट ऑफ सॉइल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमेस्टी प्रयोगशाला में भेजे, जो अधिसूचित प्रयोगशाला नहीं है।


फरीदाबाद की सेंट्रल लैब की जांच में ये कंपनी फेल

इसके बाद इंदौर की कंपनी शिफान के उत्पाद की जांच फरीदाबाद की सेंट्रल लैब में कराई गई। इसमें उत्पाद मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। इसके बावजदू इसी कंपनी से सरगुजा संभाग में करोड़ों रुपए की खरीद की गई। अगर इन सभी कीटनाशकों की गुणवत्ता की जांच फरीदाबाद की सेंट्रल लैब में कराई जाए तो और भी चौंकाने वाले नतीजे सामने आ सकते हैं।


ये कंपनियां कर रही सप्लाई

1-आयुर्वेदिक क्रॉप केयर (इंदौर, एमपी)

2-सृष्टि आर्गेनिक (रायपुर)

3-अर्थवा एग्रो केमिकल (भिलाई)

4-सत्यम बॉयोटेक (इंदौर, एमपी)

5-यूनाइटेड पेस्टीसाइड (रायपुर)

6-रुचि बॉयोकेमिकल (मुंबई)

7-आकाश लैबोरेटरीज (रायपुर)

8-छत्तीसगढ़ एग्रो बॉयोटेक (रायपुर)

9-एग्री लैंड बॉयोटेक लि. (बड़ोदरा, गुजरात)