रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व सीएम अजीत जोगी की (Ajit Jogi) मुश्किलें बढ़ गई हैं। अजीत जोगी की जाति मामले में जांच कर रही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है। आपको बता दें कि ये दूसरी कमेटी है, जिसने पूर्व सीएम अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है।

आदिम जाति विभाग के सचिव डीडी सिंह की अध्यक्षता वाली ये हाई पावर कमेटी (High Power Committee) ने अपनी यह रिपोर्ट भी सौंप दी है। इससे पहले साल 2018 में आईएएस (IAS) रीना बाबा कंगाले की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना था। इतना ही नहीं डीडी सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अजीत जोगी (Ajit Jogi) को आदिवासी (Tribal) मानने से इनकार करने के साथ ही जोगी के सभी जाति प्रमाण पत्रों को भी निरस्त कर दिया है।

कमेटी ने तय किया है कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं दी जाएगी। छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23 (3) एवं 24 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए बिलासपुर कलेक्टर को निर्देशित कर दिया गया है। वहीं नियम 2013 के नियम 23(5) के प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक को प्रमाण पत्र जब्त करने के निर्देश दिए हैं। यदि इस रिपोर्ट पर कार्रवाई होती है तो मारवाही से अजीत जोगी का निर्वाचन समाप्त किया जा सकता है क्योंकि वो विधानसभा सीट आदिवासी आरक्षित है।

हाई कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है याचिका

आपको बता दें कि पिछले दिनों बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने अजीत जोगी की जाति से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका में जोगी ने हाईपावर कमेटी के समक्ष पेश होने की नोटिस को खारिज करने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में अजीत जोगी को कमेटी के समक्ष एक महीने के भीतर उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही अजीत जोगी ने 21 अगस्त 2019 को हाईपावर कमेटी के सामने अपना जवाब प्रस्तुत किया था।

अब सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इनकार होने की खबर के आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे के प्रदेश अध्यक्ष व अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी (Amit Jogi) ने कहा कि छानबीन समिति ने कोरे कागजों में अपने दस्तखत करके मुख्यमंत्री को सौंप दिए थे। सुनवाई केवल नौटंकी थी। सभी कानूनी प्रक्रियाओं, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और न्यायालयों के दृष्टान्तों के विपरीत इस फैसले को हम उच्च और सर्वोच्च न्यायालय दोनों में चुनौती देंगे।

 

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