कैथल। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन से आम लोगों पर भी काफी असर देखने को मिल रहा है। दरअसल किसान आंदोलन ने हरियाणा में शादियों के कार्ड और गाड़ियों पर स्लोगन का ट्रेंड बदल दिया है।

अब लोग शादी के कार्ड पर ट्रैक्टर और हल प्रिंट करवाने लगे हैं। यहीं नहीं कुछ लोगो ने तो अपनी लग्जरी गाड़ियाें पर आई लव खेती, नो फार्मर-नो फूड जैसे स्लोगन लिखवा रहे हैं।

14 फरवरी को शादी का शुभ मुहूर्त है। इस बीच प्रिंटिंग प्रैस वालों का कहना है कि शादी के हर दूसरे कार्ड पर किसानों के समर्थन में स्लोगन छपवाए जा रहे हैं। इनमें किसान के साथ नौकरीपेशा लोग भी शामिल हैं।

दिल्ली नहीं जा सकते, इसलिए कार्ड से समर्थन कर रहे

कैथल निवासी प्रवीन ढुल ने बताया कि 14 फरवरी को उसकी शादी है। उन्होंने एमकॉम, बीएड किया है। अब शहर में रहते हैं। पिता, दादा, परदादा सब खेती से जुड़े थे। पिता दिल्ली में बॉर्डर पर बैठे हैं, लेकिन वे दिल्ली नहीं जा सकते, इसलिए कार्ड से समर्थन कर रहे हैं।

गांव धुंधरेहड़ी के किसान संजीव गोयत के भाई की शादी भी 14 फरवरी को है। उनका कहना है कि दिल्ली बॉर्डर पर नहीं जा पाया, इसलिए किसानों के समर्थन में शादी के कार्ड पर नो फार्मर-नो फूड का लोगो छपवाया है।

फतेहाबाद के गांव गाजूवाला के किसान रमेश बोलान ने बताया कि 14 फरवरी को बेटी की शादी है। शादी के कार्ड पर बैलों से खेत जोत रहे किसान के साथ नो फार्मर-नो फूड का स्लोगन छपवाया है। उनका कहना है कि वे इस कार्ड को आने वाली पीढ़ियों को दिखाने के लिये संभालकर रखेंगे।

पहली बार छोटूराम, भगत सिंह के चित्र छपवा रहे

शहर के एक प्रिंटिंग प्रैस संचालक दिनेश शर्मा ने बताया कि पहली बार लोग शादी के कार्ड पर किसानों का समर्थन करते हुए स्लोगन लिखवा रहे हैं। इसके अलावा भगत सिंह, सर छोटूराम जैसे महापुरुषों के चित्र कार्डों पर छपवाने का ट्रेंड बढ़ा है। हर दूसरा ग्राहक शादी के कार्ड पर किसानों के समर्थन में स्लोगन लिखवा रहा है। स्टीकर लगाने वाले राज सिंह ने बताया कि पहले ग्राहक अपने वाहन पर पुलिस, प्रेस, आर्मी, खुद की जाति, गोत्र लिखवाते थे, लेकिन अब ट्रेंड बदल गया।

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