सुप्रीम कोर्ट

टीआरपी डेस्क। कोरोना महामारी के दौरान दवा, ऑक्सीजन और वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से अहम सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए आपने 35 हजार करोड़ का बजट रखा है। अब तक इसे कहां-कहां खर्च किया गया। साथ ही पूछा कि ब्लैक फंगस इन्फेक्शन की दवा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

18 से 44 साल के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की केंद्र सरकार की पॉलिसी को भी सुप्रीम कोर्ट ने तर्कहीन बताया है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर अपने डीटेल्ड ऑर्डर में कहा कि केंद्र ने 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगाने का नियम बनाया है। इसके उलट 18 से 44 साल की उम्र के लोगों को टीका लगाने का पैसा लिया जा रहा है।

कोर्ट ने 18-44 एज ग्रुप की रिपोर्ट भी सामने रखीं

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी के दौरान उन रिपोर्ट्स का हवाला भी दिया, जिसमें यह बताया गया था कि 18 से 44 साल के लोग न केवल कोरोना संक्रमित हुए, बल्कि उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में भी रहना पड़ा। कई मामलों में इस एज ग्रुप के लोगों की मौत भी हो गई।

महामारी का नेचर बदला, 18-44 को टीका जरूरी

कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के बदलते नेचर की वजह से 18 से 44 साल के लोगों का वैक्सीनेशन जरूरी हो गया है।

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