जिन राज्यों में शराबबंदी लागू, वहां का अध्ययन करने छत्तीसगढ़ से जायेगा दल, जहां शराबबंदी ख़त्म वहां का भी होगा अध्ययन..!
जिन राज्यों में शराबबंदी लागू, वहां का अध्ययन करने छत्तीसगढ़ से जायेगा दल, जहां शराबबंदी ख़त्म वहां का भी होगा अध्ययन..!

रायपुर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लिए की गई घोषणा पर अमल करने में अभी और वक्त लगेगा। इसके लिए फ़िलहाल बैठकों का दौर जारी है। आज ही हुई बैठक में यह तय किया गया है कि जिन राज्यों में शराबबंदी लागू की गई है वहां के साथ ही ऐसे राज्य जहां शराबबंदी को लागू करके ख़त्म कर दिया गया है, वहां का भी अध्ययन किया जायेगा।

वरिष्ठ विधायक की अध्यक्षता में हुई बैठक

राज्य में पूर्ण शराब बंदी लागू किये जाने के संबंध में अनुशंसा के लिए गठित प्रदेश के प्रमुख दलों के विधायकों की राजनीतिक समिति की दूसरी बैठक नवा रायपुर के जीएसटी भवन में आयोजित की गई। वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में शराबबंदी के बाद होने वाले सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।

अध्ययन भ्रमण के जायेगा दल

इस बैठक में बिहार, गुजरात, नागालैंड, मिजोरम और लक्ष्यदीप जहां पूर्ण शराबबंदी है, वहां की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के साथ-साथ कानून व्यवस्था, अवैध शराब के परिवहन व जन-स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से नशा के आदी हो चुके लोगों पर इसके प्रभाव के संबंध में अध्ययन करने का निर्णय लिया गया। वहीं आन्ध्रप्रदेश, हरियाणा, मणिपुर और तमिलनाडु जैसे राज्य, जहां पहले पूर्ण शराबबंदी की गई थी, और उसके बाद पुनः शराब की बिक्री बहाल की गई, वहां के संबंध में भी अध्ययन भ्रमण करने पर जोर दिया गया।

पूर्ण शराबबंदी लागू करने के बाद राज्य के वित्तीय ढ़ांचे का अर्थ व्यवस्था पर प्रभाव, शराबबंदी का सामाजिक क्षेत्र पर प्रभाव, शराबबंदी लागू करने में आई कठिनाइयां, शराबबंदी के फलस्वरूप राज्यों की कानून व्यवस्था की स्थिति में परिवर्तन अथवा बदलाव, अवैध मदिरा के विक्रय-परिवहन-धारण को रोके जाने संबंधी की गई कार्यवाही का अध्ययन सहित अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के समुदायों को नियत सीमा तक शराब के निर्माण एवं धारण के छूट पर शराबबंदी के प्रभाव के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

नशे के आदी हो चुके लोगों की भी चिंता

बैठक में नशापान के आदी हो चुके लोगों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण पर भी चर्चा की गई। अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि नशापान एक सामाजिक बुराई है। राज्य सरकार पूर्ण शराबबंदी करना चाहती है। इसका जन-स्वास्थ्य, आर्थिक-सामाजिक और कानून व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ेगा।

विधायकों ने दिए अनेक सुझाव

बैठक में सदस्यों ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लिए अपने-अपने सुझाव भी दिए। नशामुक्ति के लिए शराब के दुष्प्रभावों के संबंध में जन-चेतना अभियान के साथ-साथ साप्ताहिक हाट-बाजारों में नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरूक करने का भी निर्णय लिया गया। इस दौरान सदस्यों ने शराब दुकानों का स्थान निर्धारित करने, शराब दुकान धीरे-धीरे कम करने, निर्धारित शराब दुकानों के खुलने के लिए तय किये गए समय में कटौती करने, अवैध शराब विक्रय करने कोचियों पर कड़ी कार्यवाही करने आदि पर भी विचार-विमर्श किया गया। नशामुक्ति के लिए लोगों को जागरूक करने में शासकीय भवनों में वॉल राइटिंग कराने, तथा स्वच्छ भारत मिशन की तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी होने की स्थिति में जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत को पुरस्कार व सम्मान प्रदान किए जाने के सुझाव भी दिये गए।

इस बैठक में विधायक शिशुपाल सोरी, द्वारकाधीश यादव, दालेश्वर साहू, पुरूषोत्तम कंवर, कुंवर सिंह निषाद, उत्तरी जांगड़े, रश्मि सिंह और संगीता सिन्हा, आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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