नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री हो चुकी है। और इस वारिएंट की संक्रमण दर दूसरी लहर लाने वाले डेल्टा वेरिएंट से तीन गुना अधिक है। इस वायरस से संक्रमण के संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह तक शिखर पर पहुँच सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो भारत के लोगों को यहाँ आई कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेना चाहिए।

अभी टला नहीं है खतरा

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बीच लगभग 32 सप्ताह के कालखंड का अंतर था। पहली लहर के खत्म होते ही लोगों ने मनमानी शुरु कर दी, वे ये मान बैठे थे कि वायरस का प्रकोप अब समाप्त हो गया है। लेकिन दूसरी लहर कोरोना वायरस का संक्रमण और अधिक ज्यादा भयावह होकर लौटा था। इसलिए भारत के लोगों को ये समझने की आवश्यकता है कि जब तक वायरस से संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता तब तक सावधान रहें।

जनवरी में आ सकता है पीक

विशेषज्ञों का कहना है कि पहली और दूसरी लहर के दौरान जिस तरीके का उपयोग वायरस के व्याव्हार और संक्रमण की दर के समझने में किया गया था, उसका नाम ‘सूत्रा मॉडल’ है। और इस मॉडल के अनुसार नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण 2022 में जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में पीक पर होगा। संभावित है कि कोरोना की तीसरी लहर फरवरी के मध्य तक खत्म भी हो जाएगी। ओमिक्रॉन वायरस से संक्रमण का चरम कैसा होगा और कितना खतरनाक होगा यह लोगों के व्यावहार पर निर्भर करता है।

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