दुनिया की पहली ऐसी सर्जरी जिसमें शख्स के दोनों हाथ और कंधे को किया गया ट्रांसप्लांट
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टीआरपी डेस्क। फ्रांस में दुनिया का ऐसा पहला मामला सामने आया है। जहां किसी व्यक्ति के दोनों हाथ और कंधे को ट्रांसप्लांट किया गया है। यह ऑपरेशन फ्रांस के लियोन शहर के एडवर्ड हेरियट अस्पताल में किया गया। ऐतिहासिक ऑपरेशन 15 घंटों तक चला और इसके लिए पांच अस्पतालों की टीमें काम कर रही थीं। फेलिक्स ने कहा कि ऑपरेशन के बाद अब वह अपने नए बाइसेप्स को हिला सकते हैं और वह अपनी पत्नी और पोते-पोतियों को गले लगाना चाहते हैं।

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एक्सीडेंट के बाद तीन महीनों तक कोमा में रहे फेलिक्स

49 साल के फेलिक्स ग्रेटार्सन ने 23 साल पहले एक दुर्घटना में अपने दोनों हाथों को गंवा दिया था। इस एक्सीडेंट के बाद डॉक्टर्स ने फेलिक्स को तीन महीनों तक कोमा में डाल दिया था और उन पर 54 ऑपरेशन्स किए थे। अपने हाथों के कटने के बाद फेलिक्स काफी डिप्रेस रहने लगे थे और उन्हें तनाव के चलते शराब और ड्रग्स की लत लग गई थी। जिसके बाद उन्हें एक ही साल में दो बार लीवर भी ट्रांसप्लांट कराना पड़ा था। हालांकि इसके बाद फेलिक्स अपने हाथों के ट्रांसप्लांट को लेकर गंभीर हो गए थे और उन्होंने इस मामले में एक खास डॉक्टर को ढूंढ निकाला।

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इन डॉक्टर का नाम जॉन माइकल डबरनॉड है। जॉन ने दुनिया का पहला हैंड ट्रांसप्लांट किया है। दुनिया का पहला डबल हैंड ट्रांसप्लांट भी किया है। इसके अलावा वह आधे चेहरे का ट्रांसप्लांट भी कर चुके हैं। हालांकि इस महीने के शुरुआत में उनकी मौत हो चुकी है। फेलिक्स ने असली हाथों को लगवाने से पहले प्रोस्थेटिक्स भी लगवाए थे लेकिन उन्हें हमेशा रियल हाथों की कमी महसूस होती रही। साल 2007 में उन्होंने डॉक्टर माइकल को ढूंढते हुए उनसे एक लॉबी में मुलाकात की थी। उसी दौरान डबरनार्ड ने फेलिक्स को फ्रांस आने का न्यौता दिया था।

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एक्सीडेंट के 23 सालों बाद फेलिक्स को मिला डोनर 

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फेलिक्स लियोन शिफ्ट हो गए थे और इसके बाद हाथ डोनेट करने वाले शख्स की तलाश में जुट गए। 12 जनवरी 2021 को उन्हें एक डोनर मिला था। एक्सीडेंट के ठीक 23 सालों बाद फेलिक्स को यह डोनर मिला। इसके बाद डबरनॉड के टीम के लीड सर्जन एरम गैजेरियन ने उनकी सर्जरी शुरू की थी। फेलिक्स ने कहा कि उनका जब ट्रांसप्लांट पूरा हुआ तो उन्हें असहनीय दर्द हो रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे हाथों और कंधे पर ट्रक चढ़ा दिए गए हों। फेलिक्स ने कहा कि लेकिन मैं इसके बावजूद मानसिक तौर पर काफी तैयार था क्योंकि साल 1998 में उस खतरनाक एक्सीडेंट के बाद मैं जानता था कि यह काफी मुश्किल होने जा रहा है।

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