मुंबई के कल्याण-डोंबिवली में मिले ओमिक्रॉन का पहला मरीज हुआ निगेटिव,निजी मर्चेंट नेवी जहाज में था इंजीनियर

इंटरनेशनल डेस्क। दुनियाभर में अब भी कोरोना वायरस का खतरा लगातार जारी है। वहीं कोरोना के नए-नए वैरिएंट को लेकर भी दुनिया में दहशत फैला हुआ है। इसी बीच ब्रिटिश साइंटिस्ट ने एक बड़ा दावा किया है कि उनकी दवाई सोट्रोविमैब कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के हर म्यूटेशन के खिलाफ असरदार है और कारगर साबित हुई है।

अध्ययनों में दावा किया जा रहा है कि इस वैरिएंट में देखे गए म्यूटेशन इसे बेहद संक्रामक और वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को आसानी से भेदने के योग्य बनाते हैं। ऐसे में कोरोना के इस घातक रूप को टीकाकरण करा चुके लोगों के लिए भी बड़ी चुनौती माना जा रहा है। कोरोना के इस खतरे को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं, उनमें से सबसे बड़ा सवाल- इससे सुरक्षित कैसे रहा जा सकता है?

ब्रिटेन ने जीएसके और वीर बायोटेक्नोलॉजी द्वारा विकसित कोविड-19 के एक ऐसे दवा को इस्तेमाल की मंजूरी दी है जिसे ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण पर भी असरदार साबित होने का दावा किया जा रहा है। ब्रिटिश दवा निर्माता ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन की ओर से बताया गया है कि शुरुआती परीक्षणों में सोट्रोविमैब नामक एंटीबॉडी दवा को इस वैरिएंट के खिलाफ भी असरदार पाया गया है।

कोविड-19 एंटीबॉडी-आधारित इस थेरेपी को विकसित करने वाली जीएसके ने बताया कि सोट्रोविमैब के प्रीक्लिनिकल डेटा को दुनियाभर के लिए चिंता का कारण बने कोरोना के ओमिक्रॉन सहित कई अन्य वैरिएंट्स के खिलाफ काफी असरदार पाया गया है। परिणामों की पुष्टि करने के लिए सोट्रोविमैब थेरेपी को लेकर आगे के परीक्षण किए जा रहे हैं, फिलहाल शुरुआती तौर पर इसे दुनियाभर के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।

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