टीआरपी डेस्क। नेट यूज़ करने के दौरान आप नेट की स्लो स्पीड से तंग आ चुके है, और व्यस्त ज़िन्दगी में

नेट स्पीड को बेह्तर बनाने के प्रयास में आपका नेट बफर करने लगता है, तो क्या आपने कभी गौर किया है

आपका नेट स्लो क्यों हो जाता है ? वास्तव में नेट की स्पीड का बढ़ना, घटना, आपके इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर

की वजह से होता है, ऐसे में टेबलेट, आईपेड यूज़र्स के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें इन्टरनेट की स्लो स्पीड

का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 

सर्विस प्रोवाइडरस कंपनियां करती हैं स्पीड से छेड़छाड़

 

 

मार्केट रणनीति के तहत इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरस कंपनियां इंटरनेट की स्पीड कम कर देती हैं।

ये आपके ‘बैंडविथ’ को बदलकर सबसे कीमत अदा करनेवाले ग्राहकों को दे देती हैं। आपका नेट

प्लान जैसा होगा, कंपनियों की तरफ से सुविधा उसी के हिसाब से मिलेगी। अगर आपका नेट प्लान

सस्ता होगा तो संभावना इस बात की रहती है कि आप नेटफ्लिक्स, यूट्यूब नहीं देख सकेंगे या स्काइप

कॉल दिन के व्यस्त समय में नहीं कर सकेंगे। मगर अब एक डिवाइस से आपकी इंटरनेट की समस्या

दूर हो जाएंगी। जो काफी समय से प्रयास के बाद जर्मनी के एक इंजीनियर ने इसका हल ढूंढ निकाला है।

 

जानिये क्या है ” वाईफाई अल्ट्राबूस्ट “

घर की मोटी दीवारें कमजोर सिग्नल को फुल स्पीड में ईर्दगिर्द फैलने से रोकती हैं। इसके चलते दूसरी डिवाइस

को कनेक्ट करना मुश्किल हो जाता है। आपके वाईफाई के कमजोर सिग्नल की वजह से आपका चिड़चिड़ा होना

लाजिमी है। लेकिन, वाईफाई अल्ट्रा बूस्ट आपकी समस्या का निदान करता है।

 

 

ऐसे करता है डिवाइस

अल्ट्रा बूस्ट में दो वाईफाई राउटर्स, एक प्रभावशाली एम्पलीफायर, वॉल सॉकेट में प्लग इन कर वाईफाई अल्ट्रा

बूस्ट डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकता है। वाईफाई अल्ट्रा बूस्ट मौजूद सिग्नल को पहचान कर इसकी

विशेषताओं में सुधार करता है। फिर एम्पलीफाइड वाईफाई के जरिए अपने रास्ते में आनेवाली बाधा को ट्रांसमिट

करता है। यह डिवाइस नेट सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से पैदा की गई बाधा को दूर करता है। ये इस्तेमाल किए हुए

डाटा रिपोर्ट को रोककर नेट सर्विस प्रोवाइडर तक नहीं पहुंचने देता।

 

ये किसी भी इंटरनेट राउटर पर काम करता है। ये 2.4 गीगाहर्ट्ज की फ्रीकवेंसी पर चलता है, जिसका ट्रांसफर रेट 300

एमबीपीएस होता है।

 

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