रायपुर। हर महिला चाहती है कि उसकी गर्भावस्था का समय सुखद रहे और बिना किसी परेशानी के बीते। सभी महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दिन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में महिलाओं कि सुरक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा मैटरनिटी लीव या मातृत्व अवकाश एक्ट को सभी गर्भवती महिलाओं के लिए अनिवार्य रखा गया है। 

जानिए क्या है मैटरनिटी लीव

महिला कर्मचारियों को गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद भारत सरकार द्वारा मैटरनिटी लीव या मातृत्व अवकाश लेने का अधिकार है। जिन्हें सभी संस्थाओं के लिए अनिवार्य रखा गया है।

प्रदेश में अब तक इतने महिला श्रमिकों को मिला मैटरनिटी लीव का लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्यरत गर्भवती महिला श्रमिकों को मातृत्व भत्ता प्रदान किया जा रहा है। अब तक प्रदेश की 42 हजार 867 श्रमिक महिलाओं को इसका लाभ दिया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 632 महिलाओं को 33.18 लाख रूपये और वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक 348 महिलाओं को 18.38 रूपये की राशि दी जा चुकी है।

इन महिलाओं को मिलेगा सहायता


गौरतलब है कि जॉब कार्डधारी महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार तथा स्वस्थ शिशु जन्म के लिए सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रसूति अवधि के दौरान एक माह की मजदूरी के बराबर राशि ‘मातृत्व अवकाश भत्ता के रूप में दी जाती है। इसका उद्देश्य मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। मनरेगा के अंतर्गत अकुशल श्रमिक हेतु निर्धारित मजदूरी दर से 30 दिन के बराबर की राशि महिलाओं को दी जाती है। मातृत्व भत्ता हेतु पात्रता के लिए जरूरी है कि आवेदक महिला का नाम मनरेगा के अंतर्गत पंजीकृत परिवार को जारी जॉब कार्ड में अंकित हो। महिला ने मनरेगा के अंतर्गत विगत 12 माह में कम से कम 50 दिन का कार्य किया हो। शिशु के जीवित जन्म न लेने की स्थिति में भी यह भत्ता प्रदान किया जाता है।

सामान्यतः मातृत्व अवकाश भत्ता भत्ता गर्भधारण के तृतीय तिमाही में देय होता है जिससे माता और शिशु का सुपोषण सुनिश्चित हो सके। भत्ते के लिए आवेदिका संबंधित ग्राम पंचायत में आवेदन जमा कर सकती हैं। आवेदन के साथ गर्भधारण की पुष्टि के लिए निकटस्थ मितानिन द्वारा जारी प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। आवेदन गर्भधारण के तृतीय तिमाही से पूर्व या दौरान दिया जाना होगा। यदि किसी कारण इस अवधि में आवेदन नहीं दिया गया हो तब भी प्रसूति के एक माह के अंदर आवेदन प्रस्तुत करने पर मातृत्व भत्ता से वंचित नहीं रखा जाता। यह राशि संबंधित परिवार को वर्ष में उनके द्वारा किये गए कार्य तथा बेरोजगारी भत्ते के लिए किए गए भुगतान की राशि के अतिरिक्त होती है

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।

Trusted by https://ethereumcode.net