सुप्रीम कोर्ट ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर व्हाट्सएप और फेसबुक को नोटिस जारी किया
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टीआरपी डेस्क। WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी अब भी लगातार सवालों के घेरों में बनी हुई है। 15 फरवरी को हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर व्हाट्सएप और फेसबुक को नोटिस जारी किया है। जिसकी सुनवाई अब चार हफ्ते बाद होगी।

आपको बता दें, व्हाट्सएप ने इसी साल जनवरी में नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी जिसे लेकर काफी विवाद हुआ। इसके बाद से ही WhatsApp यूजर काफी नाराज हैं। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है। अब मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्सएप जवाब मांगा है।

फेसबुक और व्हाट्सएप से मांगा स्पष्टीकरण

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने फेसबुक और व्हाट्सएप को नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर नोटिस जारी करते हुए कहा कि यूजर की प्राइवेसी को सुरक्षित रखना बेहद जरुरी है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में फेसबुक और व्हाट्सएप को यह बात स्पष्ट करनी होगी कि यूजर्स का किस तरह का डेटा शेयर किया जा रहा है और किस तरह का डेटा शेयर नहीं किया जा रहा है।

लोगों की प्राइवेसी की रक्षा करना हमारी ड्यूटी

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सख्त टिप्पणी करते हुए WhatsApp, Facebook प्रबंधन से कहा कि, ‘आप होंगे 2-3 ट्रिलियन डॉलर की कम्पनी, लेकिन लोगों की प्राइवेसी उससे भी अधिक कीमती है। इसकी रक्षा हमारी ड्यूटी है।’ इस पर WhatsApp ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, यूरोप में प्राइवेसी पर स्पेशल कानून है, अगर भारत में भी इसी तरह का कानून है तो इसका पालन करेंगे।

‘राइट टू प्राइवेसी’ के उल्लंघन का आरोप

बता दें कि यह मामला 2016 से ही कोर्ट में चल रहा है। व्हाट्सएप की निजता पॉलिसी के खिलाफ कर्मण्य सिंह सरीन ने साल 2016 में ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि जब से व्हाट्सएप फेसबुक के पास आया है तब से व्हाट्सएप यूजर्स का डाटा फेसबुक के साथ शेयर किया जा रहा है।

WhatsApp पर नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर भारतीय नागरिकों के ‘राइट टू प्राइवेसी’ के अधिकार का उल्लंघन करने का आरोप भी लग रहा है। ऐसे में Whatsapp New Privacy Policy 15 मई 2021 तक टाल दी गई है।

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