टीआरपी डेस्क। यकृत बीमारी या कैंसर से पीड़ित मरीजों की जान बचानेउ के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसी नई मशीन विकसित की है। जो मनुष्यों के जख्मी यकृत (लिवर) का इलाज कर सकती है। इसके साथ ही उन्हें एक सप्ताह तक शरीर के बाहर भी जिंदा रख सकती है।

इस अनुसंधान से प्रतिरोपण के लिए उपलब्ध मानव अंगों की संख्या बढ़ सकती है। स्विट्जरलैंड में ईटीएच ज्यूरिख समेत अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, जख्मी यकृत नयी प्रौद्योगिकी के सहयोग से कई दिनों तक पूरी तरह से काम कर सकते हैं। साथ ही उनमें यकृत बीमारी या कैंसर से पीड़ित मरीजों की जान बचाने की क्षमता भी है।

यकृत के कामों की नकल करती है नई मशीन

पत्रिका नेचर बायोटेक्नोलॉजी में छपे अनुसंधान में इस मशीन को जटिल परफ्यूजन प्रणाली बताया गया है जो यकृत के कामों की नकल करती है।

ईटीएच ज्यूरिख के सह-लेखक पियरे एलें क्लेवें ने कहा, ‘सर्जनों, जीव विज्ञानियों और इंजीरियरों के एक समूह की चार साल की मेहनत के बाद बनी अनोखी परफ्यूजन प्रणाली की सफलता ने प्रतिरोपण में कई नए अनुप्रयोगों का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।’

जब 2015 में यह परियोजना शुरू हुई थी तो वैज्ञानिकों ने कहा था कि यकृत को मशीन पर केवल 12 घंटे तक जीवित रखा जा सकता है।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें,

 Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।

Trusted by https://ethereumcode.net