रायपुर। राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ने पंडरी हाट-बाजार को यथावत संचालित करने की मांग करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खत लिखा है। बता दें कि इस मुद्दे को सबसे पहले टीआरपी ने TRP Breaking : टूटेगा पंडरी हाट बाजार, आरडीए ने दिया 200 दुकानों के निर्माण का प्रस्ताव… शासन ने 15 दिनों के भीतर मांगा डीपीआर के शीर्षक से प्रमुखता से प्रताशित किया था।

टीआरपी की खबर पढ़ने के बाद ही इस मामले में राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खत लिखा। जिसमें उन्होंने राजधानी रायपुर के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ के हाट-बाजार को तोड़कर वहां शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाने सम्बन्धी योजना पर विराम लगाने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा की रायपुर विकास विकास प्राधिकरण (आर.डी.ए.) द्वारा हस्तशिल्प बोर्ड को 30 वर्ष की लीज पर दी गई भूमि का लीज समाप्त करने की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है। उन्होंने खत में लिखा है कि यह निर्णय गलत है। हस्तशिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय हेतु बाजार उपलब्ध करानें एवं उन्हें रोजगार में स्थापित कर आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से इस हाट-बाजार की स्थापना की गयी है। जिसमें केंद्र शासन की बहुत बड़ी धनराशी लगी है।

इसे समाप्त करने के गलत निर्णय से जहां एक ओर प्रदेश के हस्तशिल्पकार हतोत्साहित होंगे। वहीं दूसरी ओर उनके उत्पादों एवं कलाकृतियों के विक्रय हेतु बड़ा बाजार न मिलने से उनके समक्ष रोजगार एवं रोजी-रोटी की समस्या भी उत्पन्न होगी। उपरोक्त तथ्यों पर विचार करते हुए पंडरी हाट-बाजार को समाप्त करने की योजना पर विराम लगाने एवं यथावत संचालन का तत्काल निर्देश दिया जाए।

ज्ञात हो पंडरी हाट बाजार पारंपरिक शिल्प कला को सहेजने के लिए और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए शासन द्वारा संचालित किया जाता है। चूकि यहां सबसे व्यस्त कपड़ा बाजार है। ऐसे में यहां देश के कोने-कोने से आने वाले शिल्पियों की कला को अच्छा बाजार मिलता है। ऐसे में अगर छत्तीसगढ़ हाट को किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाता है तो सवाल यह उठता है कि उस स्थान पर शिल्पियों की कला को कितना महत्व मिलेगा?

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