10 का मुर्गा खाओगे तो ऐसी सड़क पाओगे! कोरबा में चला अनोखा जागरूकता अभियान

टीआरपी डेस्क। ऊर्जा नगरी कोरबा में समाजसेवी संस्था जन संगठन द्वारा एक ऐसा अभियान चलाया गया, जिसकी चारो तरफ तारीफ हो रही है। संस्था प्रमुख विशाल केलकर और उनकी टीम ने शहर की जर्जर सड़कों के ऊपर खड़े होकर लोगों को अहसास कराया कि अगर मुर्गा और शराब की बदौलत अपना वोट दोगे तो शहर में इसी तरह के घटिया कार्य कराए जाएंगे।

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कोरबा जिले की खस्ताहाल सड़को को लेकर समाज सेवी संस्था जनसंगठन द्वारा अलग तरीके से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। दर्री, बालको, कुसमुंडा, दीपका, कटघोरा, गेवरा, ढेलवाडीह समेत शहरी सड़को की हालत बद से बदतर हो चुकी है। जिसको गम्भीरता पुर्वक लेते हुए जनसंगठन के संयोजक और आम आदमी पार्टी के नेता विशाल केलकर ने जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथ लिया। इसी कड़ी में मिनीमाता कन्या महाविद्यालय मार्ग स्थित स्व बिसाहू दास महंत की प्रतिमा के सामने बैनर पोस्टर के साथ सांकेतिक प्रदर्शन किया गया। यही नही शहर वासियों को उनके कीमती वोट से भी अवगत कराया गया।

कार्यकर्ता जिस सड़क पर खड़े थे वह मुख्य शहर से निहारिका, कोसाबाड़ी, बालको जाने का मुख्य मार्ग है, उसकी हालत को देखकर ही अहसास हो जाता है कि शहर की सड़क का यह हाल है तो यहां से बाहर की सड़कों की क्या हालत होगी।
गौरतलब है घण्टाघर – बुधवारी के इस मार्ग को हर साल  दो बार बनाया जाता है बावजूद इसके वह दो महीने से ज्यादा नही टिकता, फिर इसी सड़क के रिपेयर का काम भी किया जाता है, वह भी कुछ दिनों में अपने निर्माण की कहानी बता देता है । नगर निगम कोरबा में भ्र्ष्टाचार इस कदर हावी है कि खराब सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नही की जाती है । जैसे ही चुनाव नजदीक आता है, सब जगह की सड़कों को कामचलाऊ बना दिया जाता है ।

क्या है 10 रुपये का फंडा

विशाल केलकर और उनकी टीम के लोग शहर के नागरिकों को तख्ती लेकर बार-बार अहसास कराते हैं कि “10 का मुर्गा खाओगे तो ऐसी सड़क पाओगे”, दरअसल पिछले कुछ चुनावों से शहर में चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को विशेष सीरीज के 10 रुपये के नोट बांटे गए, जिन्हें उनके बताए गए दुकानों में जाने पर 10 के नोट के बदले में 1 – 1 किलो चिकन दिया गया। जनसंगठन की टीम ने लोगों को इसी बात का अहसास कराया कि अगर अपना वोट इसी तरह मुर्गे और दारू की बदौलत बेचोगे तो शहर का यही हश्र होगा।

जन संघटन के संयोजक विशाल केलकर ने आरोप लगाया है कि जिले में सभी जगहों की सड़कें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। कई सालों से केवल आश्वासन दिया जा रहा है। केवल चुनाव के समय हमारे शहर के जन प्रतिनिधि बड़ी बडी बातें करते है, इनकी कथनी और करनी में अंतर है । लोगो को जागरूक होने की जरूरत है ,ऐसे अवसरवादी नेताओ को चुनाव में सबक सिखाने की जरूरत है। प्रशासन से भी खराब सड़को को लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है परंतु किसी तरह की कोई कार्यवाही नही की जा रही है।

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