अपनों के खिलाफ ही युद्ध, पुलिस परिवार के सदस्यों को रोके जाने से नाराज सड़क पर बैठे, गृहमंत्री का बड़ा बयान
अपनों के खिलाफ ही युद्ध, पुलिस परिवार के सदस्यों को रोके जाने से नाराज सड़क पर बैठे, गृहमंत्री का बड़ा बयान

रायपुर। सोमवार को मांगों को लेकर पुलिस मुख्यालय घेरने निकले पुलिस परिवार के लोगों को पुलिस कर्मियों द्वारा रोका गया था। जिससे नाराज होकर पुलिस मुख्यालय इंद्रावती भवन जाने के रास्ते को करीब 150 पुलिस कर्मचारियों के परिवार ने सड़क जाम कर दिया है। इनमें महिलाएं और बच्चे सभी तपती धुप में सड़क पर बैठे हुए हैं।पुलिस अधिकारियों ने रास्ते को डायवर्ट कर दिया है और अधिकारियों को आफिस पहुंचाने के लिए गांव का रास्ता अपनाने का अनुरोध किया है। इसके कारण अधिकारियों को महानदी भवन और इंद्रावती भवन पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

छह दिसंबर पुलिस के जवानों के परिजनों ने विभिन्न मांगों को लेकर पुलिस परिवार के लोग पुलिस मुख्यालय घेरने आए थे। सभी को पुलिस ने रोक दिया और गिरफ्तार करने के बाद छोड़ दिया। आज वे पुनः पुलिस मुख्यालय की ओर जा रहे थे, बैरिकेट लगाकर रोके जाने से सड़क पर ही बैठ गए हैं।

  • पुलिस परिवार से जुड़े लोगों की मांग है कि एक तो साप्ताहिक छुट्टी नही मिल रही है
  • दूसरी ओर निचले स्तर के पुलिस कर्मियों का शोषण करते हुए नौकरी के बदले अधिकारी घर का काम करा रहे हैं।
  • जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर असर पर असर पड़ रहा है।
  • इसके अलावा वेतन विसंगति की मांग काफी दिनों से लंबित हैं जिसे शीघ्र दूर करने की मांग है।
    सरकारी सुविधाएं दूसरे विभाग के कर्मियों को जो मिलती है वे उनकों भी मिले।
  • इसके साथ ड्यूटी का समय निर्धारित किया जाए जिससे वे परिवार को समय दे सके।

आंशिक नियम जल्द होगा लागू – गृह मंत्री

घेराव की बात पर गृह मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने घेराव किया है, वह बस्तर और कांकेर के तरफ के लोग हैं। जो अपनी मांगों को लेकर घेराव करने निकले थे। उनकी मांग है कि बस्तर में सहायक आरक्षक, जो पहले एसपीओ हुआ करते थे, उन्हें जिन्हें समय के साथ पदोन्नति भी दी गई अब एसपीओ की डिमांड है। कि इन्हें आरक्षक बनाए जाए। इसी को लेकर इनका प्रदर्शन हो रहा है। इस मामले के बाद ग्रह मंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है की, पुलिस परिवार के लिए जितने भी वादे और दावे किए गए थे, उनको लेकर बैठक हो चुकी है। कई नियम लागू भी हो चुके हैं। कुछ आंशिक नियम बचे होंगे तो वह भी जल्द लागू हो जाएंगे।

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