दर्द की इंतहा हुई तो अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने कर दिया चक्का जाम, बिचौलियों को 10 रूपये किलो में बेचना पड़ रहा है धान
दर्द की इंतहा हुई तो अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने कर दिया चक्का जाम, बिचौलियों को 10 रूपये किलो में बेचना पड़ रहा है धान

नारायणपुर। अबूझमाड़ के इलाके में सरकारी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी नहीं होने के चलते यहां के ग्रामीण बिचौलियों को धान बेचने पर मजबूर हैं। आधे से भी कम कीमत मिलने से नाराज ग्रामीणों ने ओरछा मार्ग पर चक्का जाम कर दिया।

शत-प्रतिशत नक्सल प्रभावित तहसील है ओरछा

दरअसल नारायणपुर जिले का ओरछा तहसील शत-प्रतिशत नक्सल प्रभावित है, और इसी पूरे इलाके को अबूझमाड़ कहा जाता है। इस तहसील में कुल 237 गांव आते हैं और सभी गांव मसाहती हैं, यानि बिना सर्वे के नक्शाविहीन गांव। नक्सलियों की पाबन्दी के चलते अब तक यहां सर्वे के सारे प्रयास विफल रहे हैं। सर्वे नहीं होने के चलते यहां के किसानों का पंजीयन नहीं हो पाता और वे समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री नहीं कर पाते। इन्हें मज़बूरी में अपना धान बिचौलियों को बेचना पड़ता है। बताया जा रहा है कि केवल ओरछा और कुछ अन्य गांवों के लोगों को ही जमीनों का पट्टा मिल पाया है, और वे ही अपना धान बेच पा रहे है।

25 गांवों के हजारों लोग बैठे धरने पर


इलाके में किसानो के धान की फसल कोचिए के पास पहुंचते ही 10 रुपये किलो हो जाती है। पसीने की वाजिब कीमत नहीं मिलने से यहां के ग्रामीणों का दर्द छलक रहा है। यही वजह है कि यहां हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे हुए हैं और सड़क पर धरना दे रहे हैं।

छह सूत्रीय मांगों का लगाया बैनर

यहां के ग्रामीण छह सूत्रीय मांगों को लेकर सुबह पांच बजे से ही सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड में दुधमुंहे बच्चों के साथ महिलाएं भी विरोध दर्ज कराने पहुंची। धुर नक्सल प्रभावित इलाके के इन ग्रामीणों ने सर्व समाज समिति के नाम से सफेद रंग के कपड़े पर मांगों को पेन से लिखकर बैनर तैयार किया है। इनकी मांग है की धान प्रति किलो 32 रू. में खरीदा जाये, फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाये, सभी वनोपज की कीमत बढ़ाएं और किसानों का कर्ज माफ हो I हिंदी और गोंडी भाषा में मांगों को ग्रामीण बैनर लिख कर लाए हैं।

ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन के दौरान यात्री बस और पीडीएस के वाहन जाम में फंस गए हैं। वहीं राहगीरों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी मिली है कि मौके पर नारायणपुर के तहसीलदार और पुलिस अधिकारी पहुँच कर ग्रामीणों से चर्चा कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हमने नारायणपुर के तहसीलदार से मोबाइल पर संपर्क किया मगर उन्होंने फ़ोन रिसीव नहीं किया, वहीं SDM जितेंद्र कुमार कुर्रे ने बताया कि अभी वे छुट्टी पर हैं।

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