टीआरपी डेस्क। पंजाब में केंद्र सरकार के कृषि बिल ( Krishi Bill 2020 ) को निष्प्रभावी करने के लिए तीन विधेयक पेश हुए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार भी कृषि बिल का विरोध कर रही है। केंद्र के कृषि बिल को रोकने छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र इस माह 27 और 28 तारीख को संभव है। इस दो दिवसीय विशेष सत्र को लेकर राजभवन और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनती नजर आ रही है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में केंद्र सरकार के कृषि बिलों ( Krishi Bill 2020 ) के खिलाफ विधेयक पेश कर दिया है। अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अगर गिरती है तो गिर जाए, उन्हें इसका डर नहीं है लेकिन वह किसानों के साथ हैं।

पंजाब सरकार पेश किए 3 बिल

  • फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल
  • द एसेंशियल कमोडिटीज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट) बिल
  • द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल)

अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र का कृषि बिल ( Krishi Bill 2020 ) किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने इस दौरान तीन विधेयक, किसानों को उत्पादन सुविधा अधिनियम में संशोधन, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, किसानों के समझौते और कृषि सेवा अधिनियम में संशोधन बिल ( Krishi Bill 2020 ) विधानसभा में पेश किए।

छत्तीसगढ़ में भी कृषि कानूनों को लेकर सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी में थी। सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भी भेजा था लेकिन राजभवन ने फाइल लौटाकर ये पूछा है कि, 58 दिन पहले ही जब सत्र आहूत किया गया था, तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई है कि विशेष सत्र बुलाए जाने की जरूरत पड़ रही है?

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