अधूरे पीएम आवासों को पूरा बताकर रूपये निकाले, महीने भर में मकान बनाकर देने 16 लोगों को जारी किया नोटिस

कोरबा। जिले के कोरबा जनपद पंचायत के अंतर्गत आनेवाली पंचायतों में 72 पीएम आवास अधूरे होने के बावजूद रूपये निकाले जाने की शिकायत की कलेक्टर के निर्देश पर जाँच पूरी कर ली गई है। इस मामले में संबंधित ग्राम पंचायतों के चार तत्कालीन सरपंचों, चार सचिवों, तीन ठेकेदारों, दो रोजगार सहायकों, दो समन्वयकों और एक तकनीकी सहायक को मिलाकर 16 लोगों को चेतावनी जारी की गई है। एक माह के भीतर आवास पूरे नहीं होने और ली गई राशि वापस नहीं लौटाने पर संबंधितों के विरूद्ध क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।

3 ग्राम पंचायतों में किया गया फर्जीवाड़ा

कोरबा जनपद के ग्राम पंचायत सिमकेदा, सोलवा और श्यांग में 72 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास बनाने में अनियमितता की शिकायत हुई थी। इस मामले में कलेक्टर रानू साहू ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी।

गबन करने वाला आवास मित्र अब बन गया सरपंच

जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार ने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्राम पंचायत सिलकेदा, सोलवां और श्यांग में 72 आवासों के निर्माण में अनियमितता, आवास लंबे समय से अधूरे रहने और हितग्राहियों से राशि लिए जाने की शिकायत मिली थी। इन तीनों ग्राम पंचायतों में आवास मित्र के रूप में चंद्रशेखर मंझवार पदस्थ था, जो कि वर्तमान में करूमौहा ग्राम पंचायत का सरपंच हैं। तत्कालीन आवास मित्र चंद्रशेखर मंझवार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए 10 हितग्राहियों से 12 लाख रूपए लिए थे। इन हितग्राहियों का योजनांतर्गत आवास आज तक नहीं बन पाया है। जांच के बाद कुंदन कुमार ने तत्कालीन आवास मित्र चंद्रशेखर को हितग्राहियों से ली गई राशि वापस करते हुए एक महीने के भीतर सभी अपूर्ण आवासों का काम पूरा कराने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया है।

ठेकेदारों ने रूपये लिए, पर मकान नहीं बनाया

कुंदन कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत श्यांग में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत एक हितग्राही से ठेकेदार लखनलाल बैगा ने एक लाख 20 हजार रूपए लिए हैं। ग्राम पंचायत सिमकेंदा में चार हितग्राहियों से आवास बनाने के लिए ठेकेदार राजाराम ने चार लाख 80 हजार रूपए और दो हितग्राहियों से ठेकेदार मेघनाथ विश्वकर्मा ने दो लाख 20 हजार रूपए लिया है। इन ठेकेदारों ने आज तक किसी भी हितग्राही के आवास का काम पूरा नहीं किया है, ना ही हितग्राहियों को राशि लौटाई है। इन सभी ठेकेदारों को एक माह के भीतर आवास पूरे करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। समयावधि में काम पूरा नहीं होने पर ठेकेदारों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

जिम्मेदार लोगों ने गरीबों के हक़ पर डाला डाका

इस जाँच के दौरान पता चला कि जिन्हे भी पीएम आवास योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी सभी ने आवास के नाम पर गरीबों से रूपये झटके। यहां के ग्राम पंचायत श्यांग के तत्कालीन रोजगार सहायक प्रकाश चौहान ने पांच हितग्राहियों से प्रधानमंत्री आवास की किश्त की राशि आहरण करने के समय 89 हजार रूपए वसूले।
इसी प्रकार ग्राम सोलवा के रोजगार सहायक किरण महंत ने हितग्राहियों से किश्त की राशि आहरण के लिए हर किश्त पर पांच-पांच सौ रूपए लिए हैं। तीनों ग्राम पंचायतो में स्वीकृत किए गए 72 आवासों का बिना भौतिक निरीक्षण और सत्यापन किए राशि भुगतान कराने पर तत्कालीन विकासखण्ड समन्वयक लंबोदर कौशिक, कलेश्वर चौहान और तकनीकी सहायक नरेंद्र साहू को भी नोटिस जारी किया गया है।

आवासों का निरीक्षण नहीं करने और इस काम में लापरवाही बरतने पर सिमकेंदा के तत्कालीन सचिव सुरेश खुंटे, श्यांग के तत्कालीन सचिव खगेश्वर पाण्डेय, वर्तमान सचिव विनोद कुमार और सोलवा के तत्कालीन सचिव पवन कुमार को एक महीने के भीतर सभी आवास निर्माण कार्य पूरा कराए जाने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया गया है। ग्राम पंचायत सिमकेंदा की तत्कालीन सरपंच महेश्वरी, ग्राम पंचायत श्यांग की तत्कालीन सरपंच सुमरन बाई और सोलवा की तत्कालीन सरपंच अनुराधा को भी सभी आवासों का निर्माण एक माह के भीतर पूरा कराने के लिए चेतावनी पत्र जारी किया गया है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएपपर