राहुल गांधी
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टीआरपी डेस्क। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर मनरेगा श्रमिकों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि कई राज्यों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम करने वाले श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिल रही है। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए यह सवाल भी किया कि आखिर ये कैसे अच्छे दिन हैं?

मजदूरों के हक का पैसा भी मारा जा रहा- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘कई राज्यों में मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का पैसा नहीं मिल रहा। महामारी में जब सरकार को अतिरिक्त आर्थिक सहायता देनी चाहिए थी। तब मजदूरों के हक का पैसा भी मारा जा रहा है।” राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘झूठे जुमलों के परे एक दुनिया है जहां कई घरों में चूल्हा तक नहीं जल पा रहा- ये कैसे अच्छे दिन?”

क्या है मनरेगा योजना?

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा को कांग्रेस सरकार ने साल 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (NREGA-नरेगा) के रूप में पेश किया था। मनरेगा एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है। जिसके तहत हर एक परिवार के इच्छुक वयस्क सदस्यों के लिए 100 दिन का रोजगार, दैनिक बेरोजगारी भत्ता और परिवहन भत्ते का प्रावधान किया गया है। सूखाग्रस्त क्षेत्रों और जनजातीय इलाकों में मनरेगा के तहत 150 दिनों के रोजगार का प्रावधान है। हालांकि, समय-समय पर इस योजना में भ्रष्टाचार, मजदूरी भुगतान में देरी और खराब मजदूरी दर जैसी कई समस्याएं सामने आई हैं।

राफेल विमान सौदा घोटाला पर राहुल का हमला

बता दें, इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदा घोटाला, आसमान छूती तेल की कीमतों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बिक्री को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए आज कहा कि इस तरह के जनविरोधी कदम उठाना इस सरकार की पहचान बन चुकी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि ईंधन तथा खाद्य तेलों के दाम आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं और सरकार निजीकरण को बढ़ावा देकर और राफेल जैसे सौदों में अपने मित्रों के बचाव में लगी है। गांधी ने ट्वीट किया ‘मित्रों’ वाला राफेल है, टैक्स वसूली- महंगा तेल है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम-सरकारी बैंक की अंधी सेल है। सवाल करो तो जेल है।

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