विश्व एड्स दिवसः एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों की जांच और परामर्श के लिए प्रदेश में जल्द तीन और एआरटी केंद्र होंगे शुरू

रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज विश्व एड्स दिवस के मौके पर एड्स एवं एचआईव्ही के नियंत्रण व रोकथाम के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, शासकीय विभागों, संस्थाओं, समितियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा स्वयंसेवी संगठनों के 53 व्यक्तियों को सम्मानित किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान कहा कि एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों के साथ भेदभावमुक्त व्यवहार होना चाहिए। सामान्य नागरिकों की तरह उन्हें भी संविधानप्रदत्त सभी अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा तीसरा राज्य है जहां एचआईव्ही पीड़ितों के शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति की गई है। एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों को सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

प्रदेश में एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों के लिए प्रदेश में 150 परामर्श एवं जांच केंद्र तथा आठ एआरटी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जल्दी ही तीन और एआरटी केंद्र शुरू किए जाएंगे। प्रदेश में लोगों को स्वैच्छिक परामर्श एवं मार्गदर्शन की जरूरत है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कार्यक्रम में कहा कि एचआईव्ही-एड्स के विरूद्ध अभी लंबी लड़ाई बांकी है। इस लड़ाई में अच्छा काम करने वालों की पीठ थपथपाने के साथ ही आज संकल्प लेना है कि हम यह लड़ाई जारी रखेंगे और सतर्कता में कमी नहीं आने देंगे। नई-नई दवाईयों के उपयोग से पीड़ितों की जान बचाने और उन्हें लंबी जिंदगी देने की कोशिश करेंगे।

संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं तथा छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना संचालक श्री नीरज बंसोड़ ने कहा कि पूरी दुनिया में इस साल विश्व एड्स दिवस ‘असमानता का अंत, एड्स का अंत, महामारी का अंत’ की थीम पर मनाया जा रहा है। प्रदेश में एड्स के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए नाको (NACO) के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रदेश में एड्स के प्रसार की दर में छह गुना की कमी आई है। प्रदेश में इसके संभावित पीड़ितों की संख्या 45 हजार है। इनमें से 30 हजार लोगों तक हम जरूरी सेवाएं पहुंचा रहे हैं। मैदानी गतिविधियों के साथ ही आईईसी और सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। युवाओं में जागरूकता बढ़ाने प्रदेश के 150 कॉलेजों में रेड रिबन क्लब (Red Ribbon Club) का गठन किया गया है।

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