टीआरपी न्यूज़। छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) में इन दिनों गोबर से दीये काफी चर्चा में बने हुए हैं। लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहाँ गोबर से मास्क ( Mask from cow dung ) भी बनाये जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं हिमचाल ( Himachal ) की। इन दिनों छोटी काशी मंडी में ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की बहार है, लेकिन गोबर से बने मास्क और दीये आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी जिले में ऐसे स्वदेशी उत्पाद खासी जगह बनाने में कामयाब हो रहे हैं। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग इसमें अपनी अहम भूमिका निभाने जा रहा है।

देशभर में गाय के गोबर से बने 11 करोड़ दीये जलाने का लक्ष्य

इस दिवाली पर देशभर में गाय के गोबर से बने 11 करोड़ दीये जलाने का लक्ष्य रखा है। वैदिक प्लस्तर संस्था ने गोबर से बने दीये और अन्य उत्पाद मंडी के बाजारों में उतार दिए हैं। वितरक कर्ण सिंह ने बताया कि उनके पास गोबर से बने दीये, गोबर और वेस्ट कपड़ों व कागज के मिश्रण से बने मास्क, गोबर से बनी धूप, अगरबत्ती और हवन सामग्री की काफी मांग है।

20 रुपये में बेचा जा रहा मास्क

गोबर से बने चार दीये 50 रुपये में, जबकि 6 दीयों का सेट 80 रुपये में बेचा जा रहा है। मास्क 20 रुपये में बेचा जा रहा है। ये सारे प्रोडक्ट पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं। इन्हें इस्तेमाल करने के बाद खेतों में फेंक देंगे तो वहां खाद के रूप में काम करेंगे। इनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।

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