बिलासपुर। पूर्व आईएएस और मौजूदा समय में भाजपा नेता ओपी चौधरी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। ओपी चौधरी के ख़िलाफ़ राज्य सरकार ने कमिश्नर ऑफ़ इंक्वारी एक्ट के तहत सीके खेतान को जाँच सौंपी थी, हाईकोर्ट ने उस जाँच पर रोक लगा दी है।

जमीन की अदला-बदली का है मामला

बता दें कि दंतेवाड़ा कलेक्टर रहे ओपी चौधरी पर आरोप लगाया गया था कि, ज़मीन के अदला बदली में नियमों की अवहेलना की गई है।  हाईकोर्ट ने इस मामले में पूर्व दायर रिट 53/2014 की सुनवाई करते हुए 15 सितंबर 2016 को आदेशित किया था कि, राज्य सरकार जाँच करे। इस आदेश के परिपालन में राज्य सरकार ने आदेश जारी किया और जस्टिस टीपी शर्मा को जाँच की जवाबदेही सौंप दी गई। राज्य में जबकि कांग्रेस सरकार अस्तित्व में आई तो सरकार ने 29 मई को कमिश्नर ऑफ़ इन्क्वायरी एक्ट के तहत नई जाँच समिति सीके खेतान की अध्यक्षता में बनी दी। ओपी चौधरी ने हाईकोर्ट में इस नई जाँच कमेटी को चुनौती दी थी। जस्टिस पी सैमकोशी ने इसकी सुनवाई की और राज्य सरकार की उस समिति जिसमें सी के खेतान अध्यक्षता कर रहे हैं उसे जाँच करने से रोक दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब के लिए नोटिस भी जारी किया है। याचिकाकर्ता की ओर से गैरी मुखोपाध्याय और विवेक शर्मा ने पैरवी की है। प्रकरण की अगली तारीख 6 नवंबर घोषित की गई है।

 

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