निर्भया के दोषियों को एक साथ दी जाएगी फांसी, परीक्षण जारी

रायपुर/नई दिल्ली। तिहाड़ जेल प्रशासन निर्भया के दरिंदगी के चारों दोषियों को एक साथ ही

फांसी पर लटकाने की तैयारी में है। यदि ऐसा होता है तो यह पहला मौका होगा, जब एक ही जगह

पर चार लोगों को एक साथ फांसी की सजा दी जाएगी। जेल सूत्रों के मुताबिक एक साथ ही चारों को

फांसी देने के लिए एक नई तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है। फांसी के तख्त में कुछ बदलाव

के जरिए यह काम किया जा रहा है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि क्या चार लोगों का

वजन एक बार में यह उठा सकता है या नहीं।

 

 

सूत्रों ने कहा कि यह जरूरी है कि चारों दोषियों को एक ही साथ फांसी पर लटकाया जाए। इसकी वजह यह है

कि यदि किसी शख्स को बेचैनी के चलते समस्या हो जाती है या फिर वह बीमार हो जाता है तो फांसी टालनी

होगी। अब तक करीब दो ट्रायल किए जा चुके हैं कि क्या लगातार तीन घंटे तक फांसी का तख्त इनका वजन

उठा सकता है या नहीं।

असम में हालात तनावपूर्ण, पुलिस फायरिंग में दो की मौत :

 

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्‍तर भारत के तीन राज्‍यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण

हालात बने हुए हैं। असम में स्‍कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री

नरेंद्र मोदी की अपील के साथ प्रदर्शनकारी सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी लगातार कर्फ्यू का

उल्‍लंघन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को यात्रियों से भरी एक ट्रेन में आग लगाने का भी प्रयास किया।

राज्‍य में पुलिस फायरिंग में अब तक 2 लोग मारे गए हैं और 9 अन्‍य घायल हो गए हैं। इस बीच प्रशासन ने

ड‍िब्रूगढ़ में कर्फ्यू में सुबह 8 बजे से एक बजे तक ढील दी है। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है।

 

भूपेश आज दिल्ली जाएंगे,भारत बचाओ रैली होंगे शामिल :

 

छत्तीसगढ़ की पहली खबर दिल्ली में होने वाले कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन को लेकर है। बता दें कि

आर्थिक मंदी, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों पर संकट के खिलाफ कांग्रेस 14 दिसंबर को दिल्ली

के रामलीला मैदान में भारत बचाओ आंदोलन करेगी। इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए गुरुवार

को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम प्लेन और ढाई हजार से अधिक कांग्रेस विशेष

ट्रेन से दिल्ली रवाना हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगे।

 

अप्रत्यक्ष चुनाव पर हाई कोर्ट ने पूछा- विधानसभा में अधिनियम पारित किया गया है या नहीं :

 

छत्तीसगढ़ की दूसरी खबर नगरीय निकाय चुनाव को लेकर है। बता दे कि नगर निगम के महापौर और

नगरपालिका व नगर पंचायत के अध्यक्षों के अप्रत्यक्ष चुनाव के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाई

कोर्ट की डिवीजन बेंच में सुनवाई जारी है। कोर्ट ने महाधिवक्ता के माध्यम से राज्य शासन से पूछा है कि

नियमों में बदलाव के लिए विधानसभा में अधिनियम पारित किया गया है या नहीं। इस पर स्पष्ट जवाब दें।

हाई कोर्ट ने शासन को एक सप्ताह की मोहलत दी है। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। राज्य शासन

के फैसले को चुनौती देते हुए लोरमी के विधायक धर्मजीत सिंह, कोरबा जिला भाजपाध्यक्ष अशोक

चावलानी समेत तीन अन्य लोगों ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

 

इसमें कहा है कि राज्य शासन ने नियमानुसार बदलाव से पहले विधानसभा में अधिनियम पारित नहीं

कराया है। लिहाजा इस आदेश को रद किया जाना चाहिए।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।