अवधेश शर्मा

दंतेवाड़ा । मंगलवार की शाम को नकुलनार के पास विधायक भीमा मंडावी का काफिला नक्सली एंबुश में फंस गया। माओवादियों ने भीमा मंडावी के काफिले की एक गाड़ी को आईईडी ब्लास्ट कर उड़ा दिया । हमले में विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई। उनके पीएसओ समेत 5 जवानों के शहीद होने की खबर है। डीआईजी नक्सल आॅपरेशन गिरधारी लाल नायक ने इसकी पुष्टि की। तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। चुनाव के ठीक पहले बस्तर में हुए इस बड़े हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है।

कैसे हुई वारदात:

पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि आज शाम को यहां चुनावी प्रचार का शोर थम गया। विधायक भीमा मंडावी उस इलाके में चुनावी प्रचार के लिए गए थे। डीआईजी नक्सल आॅपरेशन ने ये भी बताया कि उस इलाके में विधायक को जाने से मना किया गया था।

लाशों पर शुरू हुई सियासत:

तो वहीं इस घटना को लेकर पूरे राज्य में सियासत भी गरमा गई है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसके लिए राज्य शासन को जिम्मेदार ठहराया है। एक ओर जहां 5 जवान शहीद हो गए उनकी ही पार्टी का एक विधायक मारा गया। इसके बाद भी भाजपा के नेता इस तरह की सियासत कर रहे हैं। भीमा मंडावी की मौत को बृजमोहन अग्रवाल ने पूरे बस्तर के लिए चुनौती बताया है।

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